पश्चिम बंगाल की एक महिला की ओर से लगाए गए यौन शौषण के आरोप के मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता कैलाश विजयवर्गीय को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने विजयवर्गीय की गिरफ्तारी पर 16 नवंबर तक रोक लगा दी है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर महिला और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट से विजयवर्गीय को गिरफ्तारी से संरक्षण को आगे बढ़ाने पर विचार करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में महिला शिकायतकर्ता की भी सुनवाई जरूरी है. 16 नवंबर को अगली सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान जस्टिस एमआर शाह ने कहा था कि हाईकोर्ट अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई जारी रख सकता है. वो विजयवर्गीय व अन्य दो को गिरफ्तारी से संरक्षण आगे बढ़ा सकता है.
वहीं, विजयवर्गीय की ओर से कहा गया कि शुरूआत में यौन शोषण के आरोप नहीं थे. ये आरोप बाद में जोड़े गए. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि वे इस मामले में कुछ कहना नहीं चाहते. इस मामले को अदालत पर छोड़ते हैं. गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने अलीपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने साथ ही बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय, आरएसएस सदस्य जिष्णु बसु और प्रदीप जोशी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए थे. कुछ दिन पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने ॉकैलाश विजयवर्गीय, आरएसएस सदस्य जिष्णु बसु और प्रदीप जोशी को मारपीट के एक मामले में अग्रिम जमानत दे दी थी.