ओडिशा के कालाहांडी जिले में एक स्कूल शिक्षिका के साथ कथित तौर पर बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी. यहां कुछ दिन पहले 23 वर्षीय स्कूल शिक्षिका लापता हो गई थी. इसके 11 दिनों बाद ओडिशा पुलिस ने मंगलवार को एक निर्माणाधीन स्टेडियम स्थल से उसके जले हुए शव को बरामद किया. महिला का आधा जला हुआ और क्षत-विक्षत शरीर भवानीपटना के कालाहांडी जिला मुख्यालय शहर से लगभग 80 किलोमीटर दूर महालिंग में 10 फीट की गहराई से निकाला गया है.
आरोप है कि मामले में सबसे पहले गिरफ्तार किए गए स्कूल की प्रबंध समिति के अध्यक्ष ने शिक्षिका की हत्या की है. उसे बुधवार को बांगोमुंडा में न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया और पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. इसके बाद 14 अक्टूबर को वह हिरासत से फरार हो गया. ऐसे में ओडिशा पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 1 लाख का इनाम रखा है.
10 फीट नीचे दफनाया अधजला शव
डीआईजी दीपक कुमार ने बोलांगीर कस्बे में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भवानीपटना और केगांव से रास्ते में 8 अक्टूबर को स्कूल अध्यक्ष ने अपनी कार में महिला शिक्षिका की हत्या कर दी थी.
साथ ही उसके शव को मैदान में 10 फीट नीचे गाड़ दिया था. आरोपी के इकबालिया बयानों से ही यह पता चला है. कुमार ने संवाददाताओं से कहा, आरोपी ने अंधेरे में शिक्षिका के अधजले शव को स्कूल के ही खेल के मैदान में दफना दिया था.
उन्होंने बताया कि शिक्षिका की मौत सांस फूलने के कारण हुई थी. ऐसे में यह गला घोंटने का मामला हो सकता है. उसे मारने के तुरंत बाद, आरोपी उसे स्कूल परिसर में ले गया जहां पहले से ही एक गड्ढा खोद कर रखा गया था. उसने शव को गड्ढे में फेंक दिया और उसे मिट्टी से भरने से पहले शव पर कुछ रबर के टायर और कार्ड बोर्ड जला दिए."
आरोपी के अफेयर के बारे में जानती थी शिक्षिका
उन्होंने बताया कि पुलिस ने अपराध में प्रयोग हुई कार के ड्राइवर को भी हिरासत में ले लिया है और अपराध में उसकी संलिप्तता का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है. इसके अलावा अपराध के पीछे के मकसद के बारे में, उन्होंने कहा कि स्कूल अध्यक्ष को महिला शिक्षक के साथ दिक्कत थी क्योंकि वह उसके एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर के बारे में जानती थी. टीचर ने उसे चेतावनी दी थी कि वह उसका पर्दाफाश करेगी.
'मामले में संदिग्ध मंत्रियों को हटाए राज्य सरकार'
इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया. आयोग ने ओडिशा के मुख्यमंत्री से उन दो मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल से हटाने के लिए कहा है जिनका नाम जांच में आया है. आयोग ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि, जो मुख्य आरोपी पुलिस हिरासत से भागने में कामयाब रहा, उसे भागने में बीजद सरकार के मंत्रियों, विशेष रूप से राज्य मंत्री (गृह), कैप्टन दिब्यशंकर मिश्रा द्वारा सहायता दी गई थी.
आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि कैप्टन दिब्यशंकर मिश्रा अक्सर स्कूल आते थे और रात के लिए स्कूल में रुकते थे. इस बीच, आयोग ने डीजीपी ओडिशा को भी पत्र लिखकर मामले में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने और सभी आरोपियों पर कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करने को कहा है.