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कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पिटाई के बाद मौत के मामले में जिन छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है, उनके नाम सामने आ गए हैं. इस मामले में रामगढ़ताल थाने के एसएचओ जगत नारायण सिंह के साथ अक्षय मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, कांस्टेबल कमलेश यादव और प्रशांत कुमार को सस्पेंड किया गया है.
वहीं प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की तहरीर पर तीन पुलिसकर्मियों पर नामजद मुकदमा दायर किया गया है. एसएचओ जगत नारायण सिंह, एसआई अक्षय मिश्रा और एसआई विजय यादव पर केस दर्ज किया गया है. बाकी तीन पुलिसकर्मियों को अज्ञात लिखा गया है. अभी किसी भी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
पीएम रिपोर्ट में पुलिस की बर्बरता की दास्तां
इस बीच मनीष गुप्ता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है. मनीष गुप्ता के शरीर पर 4 गंभीर चोटों के निशान हैं. सिर के बीच में आई 5×4 सेंटीमीटर की चोट जानलेवा साबित हुई है. दाहिने हाथ की कलाई पर डंडा मारने का निशान है. दाहिने हाथ की बांह पर भी डंडे से पिटाई के निशान हैं. बाईं आंख की ऊपरी परत पर चोट के निशान हैं.
देर रात मनीष के शव का अंतिम संस्कार
मनीष गुप्ता के शव का देर रात अंतिम संस्कार किया गया. मृतक मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने अपने पति के शव का दाह संस्कार करने की अनुमति दे दी. भारी पुलिस की मौजदूगी में मनीष का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के बाद मीनाक्षी ने अपनी मांग को दोहराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का आश्वासन भी लिया.
बुधवार को पूरे दिन कानपुर में बर्रा स्थित उनके घर पर हंगामा चलता रहा था. पुलिस कमिश्नर समेत सभी आला अधिकारी मीनाक्षी को समझाने में लगे रहे थे. मीनाक्षी ने साफ कह दिया था कि पहले सीएम से मिलकर मांगे रखेंगे फिर बॉडी जाने देंगे, लेकिन रात में परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए.
इस बीच मीनाक्षी ने कहा कि मेरी कल की मांग के साथ एसआईटी जांच की मांग है, इसे आज सीएम साहब के पास मिलकर रखूंगी, अधिकारियों ने मिलाने का वादा किया है. गोरखपुर में दो अधिकारियों ने हमसे एफआईआर में तीन नाम एडिट करके एफआईआर लिखवाई, वह दबाव बनाते रहे अपनी पुलिस को बचाने के लिए.