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रजिस्टर में 25 मरीजों की एंट्री, DM ने कॉल की तो नंबर निकले फर्जी... स्वास्थ्य केंद्र पर छापे का वीडियो वायरल

कानपुर नगर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह अचानक बिरहाना रोड पर मौजूद अर्बन प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर जा पहुंचे. डीएम साहब को अचानक वहां देखकर स्टाफ के होश उड़ गए. इसके बाद वहां जो कुछ हुआ, वो हैरान करने वाला था.

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DM जितेंद्र प्रताप सिंह ने खुद ये फर्जीवाड़ा पकड़ा है
DM जितेंद्र प्रताप सिंह ने खुद ये फर्जीवाड़ा पकड़ा है

कानपुर के जिलाधिकारी (DM) जितेंद्र प्रताप सिंह का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें खुद डीएम ने एक अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) पर पहुंच कर एक डॉक्टर के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश कर दिया. इसके बाद उन्होंने आरोपी डॉक्टर और चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति भेज दी है.

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दरअसल, ये वीडियो रविवार का बताया जा रहा है. जब कानपुर नगर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह अचानक बिरहाना रोड पर मौजूद अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जा पहुंचे. डीएम साहब को अचानक वहां देखकर स्टाफ के होश उड़ गए. डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह सीधे अंदर दाखिल हुए और वहां पहले कमरे में मौजूद दो महिलाकर्मियों से पूछा कि आप कौन हैं. उन्होंने अपना परिचय दिया तो डीएम साहब ने सवाल दाग दिया कि डॉक्टर साहब कहां हैं?

दोनों महिलाओं ने अंदरवाले कमरे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वो अंदर हैं. इसके बाद डीएम सीधे डॉक्टर के कमरे में पहुंचते हैं. उस वक्त वहां एक महिला डॉक्टर मौजूद थीं. डीएम साहब ने पूछा कि सुबह से कितने मरीज आए हैं? ये कहते हुए वो मरीजों के पंजीकरण का रजिस्टर खोलते हैं, उसमें उस दिन 25 मरीजों के नाम दर्ज होते हैं. डीएम पूछते हैं कि आज 25 मरीज आएं हैं. डॉक्टर हां में सिर हिला देती हैं.

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इसके फौरन बाद डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह अपने पीए से एक मरीज का नंबर डायल करने के लिए कहते हैं, जो लगता नहीं. फिर दूसरा नंबर मिलाने के लिए कहते हैं. पीएम नंबर मिलाता है. दूसरी तरफ से एक शख्स की आवाज़ आती है. पीए फोन सीधे डीएम साहब को थमा देता है. डीएम खुद बात करते हुए कहते हैं कि मैं जिलाधिकारी बोल रहा हूं. क्या आप आज अर्बन पीएचसी आए थे? डॉक्टर साहब ने आपका नाम लिखा हुआ है.

फोन पर दूसरी ओर से बात कर रहे शख्स ने कहा कि साहब हम बीमार नहीं हैं, तो अस्पताल क्यों जाएंगे. इसके बाद डीएम साहब ने रजिस्टर में दर्ज तीन चार मरीजों के नंबर पर कॉल की. सबकी कहानी एक जैसी निकली. सब लोग स्वस्थ थे. और वो पीएचसी आए भी नहीं थे. मतलब साफ था कि डॉक्टर ने जिन मरीजों के नाम रजिस्टर में चढ़ाए थे, वो फर्जी थे. और उनका इलाज केवल कागज़ों में हो रहा था.

इसके बाद डीएम साहब को पूरा माजरा समझ आ गया. डीएम ने पहले महिला डॉक्टर का नाम पूछा फिर बोले कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? लेकिन पीएचसी पर तैनात डॉक्टर दीप्ति गुप्ता को जैसे सांप सूंघ गया. वो खामोश खड़ी रहीं. कुछ नहीं बोली. इस दौरान नोडल अधिकारी आनंद सिंह भी मौके पर आ पहुंचे. डीएम साहब ने उनसे भी कहा कि देख लीजिए डॉक्टर साहब.   

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इस बात से डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह काफी नाराज दिखाई दिए. इसके बाद उन्होंने अर्बन पीएचसी पर चल रहे इस पूरे फर्जीवाड़े की जांच रिपोर्ट बनाते हुए दोषी महिला डाक्टर और चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शासन को संस्तुति पत्र भेज दिया. डीएम ने बताया कि हर रविवार को वे सभी स्वस्थ केंद्रों पर जाकर निरीक्षण कर रहे हैं. इसी दौरान इस अर्बन पीएचसी पर ये हेराफेरी मिली है.

आपको बता दें कि पिछले महीने जनवरी में ही जितेंद्र प्रताप सिंह को शासन ने कानपुर नगर का जिलाधिकारी नियुक्त किया था. इससे पहले राकेश कुमार सिंह वहां डीएम थे. जिन्हें जनवरी में मुख्यमंत्री का सचिव बना दिया गया था. और बागपत जिले में तैनात डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह को कानपुर नगर का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया था. 

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