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Kanpur Violence मामले में बिल्डर हाजी बसी पर यूपी सरकार ने लगाया रासुका

कानपुर हिंसा के तीसरे मास्टरमाइंड हाजी बसी पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की गई है. हाजी बसी बिल्डर हैं. इस मामले में अब तक कुल तीन लोगों के खिलाफ रासुका लग चुका है. जांच के दौरान SIT को पता चला कि हयात ने बिल्डर हाजी वसी के साथ 1 करोड़ 30 लाख रुपये की संपत्तियों को बेचकर पैसा इकट्ठा किया था.

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कानपुर में हिंसा के दूसरे मास्टरमाइंड जावेद अहमद पर लगा रासुका
कानपुर में हिंसा के दूसरे मास्टरमाइंड जावेद अहमद पर लगा रासुका

कानपुर में हिंसा मामले में अब बिल्डर हाजी बसी के खिलाफ रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की गई है.  अब तक तीन लोगों के खिलाफ रासुका लग चुका है.

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बसी पर आरोप है कि उसने बीते तीन जून को जफर हयात की बंदी वाले कार्यक्रम का आधार बनाकर मुख्तार बाबा बाबा बिरियानी के मालिक के साथ मिलकर कानपुर हिंसा की पूरी साजिश रची थी. इससे पहले जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष मास्टरमाइंड हयात जफर के खिलाफ पहले ही एनएससए के तहत कार्रवाई हो चुकी है. डीएम कानपुर ने मुहर लगाते हुए एनएसए की कार्रवाई की पुष्टि की. 

जांच के दौरान SIT को पता चला कि हयात ने बिल्डर हाजी वसी के साथ 1 करोड़ 30 लाख रुपये की संपत्तियों को बेचकर पैसा इकट्ठा किया था.  तीन जून को हुई घटना से ठीक एक दिन पहले वसी ने करीब 34 लाख रुपये की दो संपत्तियां बेची थीं. वसी ने डी-टू (जिला-दो) गैंग को एक करोड़ रुपये की सुपारी दी थी. चंदेश्वर हाता पर पथराव करने के लिए अतीक खिचड़ी और सबलू को एडवांस के तौर पर दिए थे. 

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बता दें, कानपुर के तलाक महल का रहने वाला जावेद अहमद खान लखनऊ से यूट्यूब चैनल चलाता करता था. वह जफर हाशमी का बचपन का दोस्त है. नई सड़क हिंसा को भड़काने में जावेद ने जफर के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई थी. SIT ने हयात और जावेद समेत अन्य को उसके लखनऊ स्थित यू-ट्यूब चैनल के ऑफिस से गिरफ्तार कर लिया था.

SIT को जांच में पता चला कि हिंसा से पहले बाजार बंदी के मैसेज सबसे ज्यादा जावेद ने शहर के साथ ही यूपी के कई जिलों में भेजे थे. इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी कई वीडियो वायरल कर बवाल को और भड़काने का प्रयास भी किया था.  वाट्सएप के कई ग्रुपों में भी भड़काऊ मैसेज वायरल किए थे. 

बीते 3 जून को नई सड़क पर जुमे की नमाज के बाद उपद्रव हुआ था. बाबा बिरियानी के मालिक मुख्तार बाबा और बिल्डर हाजी वसी ने चंद्रेश्वर हाता खाली कराने के लिए एक करोड़ में सौदा किया था. इसे लेकर बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान को आधार बनाकर बाजार बंदी की घोषणा की गई थी. बाजार बंदी के विरोध को लेकर शुरू हुआ विवाद देखते ही देखते उपद्रव में बदल गया था. 

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