यूपी के कासगंज में हमला कर सिपाही की हत्या का मुख्य आरोपी मोती धीमर अब तक फरार है. उस पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया है. मंगलवार दोपहर दारोगा अशोक सिंह और कॉन्स्टेबल देवेंद्र दबिश देने अवैध शराब की भट्टी पर पहुंचे थे, जहां आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर हमला बोल दिया था.
इस हमले में सिपाही की मौत हो गई थी. यूपी सरकार ने सभी आरोपियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया है. साथ ही मुख्य आरोपी मोती के एक भाई एलकार को बुधवार सुबह-सुबह एनकाउंटर में मारकर गिराकर पुलिस ने फजीहत कम करने की कोशिश की है, लेकिन अभी भी मोती धीमर पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, कासगंज के नगला धीमर गांव में मुख्य आरोपी मोती धीमर और उसके भाई अवैध शराब का धंधा चलाते थे, जो कई मामलों में वांटेड हैं. मंगलवार दोपहर दारोगा अशोक सिंह और कॉन्स्टेबल देवेंद्र दबिश देने पहुंचे थे. अपने अड्डे पर पुलिस टीम को देखकर अपराधी भड़क गए और दोनों पर हमला बोल दिया.
आरोपियों ने कॉन्स्टेबल देवेंद्र को बंधक बना लिया और उसकी निर्ममता से हत्या कर दी. कासगंज में सिपाही की शहादत के बाद यूपी पुलिस के आला अधिकारियों की नींद टूटी तो मुख्य आरोपी मोती के एक भाई एलकार को बुधवार सुबह-सुबह एनकाउंटर में मारकर गिराकर पुलिस ने फजीहत कम करने की कोशिश की.
इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी और उसके साथियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है, लेकिन इस एक्शन के बावजूद असल सवाल अब भी बना हुआ है कि अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई के लिए यूपी पुलिस अधिकारी किसी शहादत का इंतजार क्यों करते हैं.