पटना के कटिहार में मनचलों ने 8वीं की छात्रा को बाइक से कई बार रौंदा. घटना में छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई. परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी छात्रा की हालत में सुधार नहीं है. वहीं, इस मामले में पुलिस जांच कर रही है.
घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के दिघी बस्ती में पांच सितंबर की है, जब 8वीं कक्षा की छात्रा अपनी बहन के साथ शिक्षक दिवस मनाकर घर वापस आ रही थी. बताया गया है कि रास्ते में बाइक सवार मनचलों ने उसे धक्का दे दिया. वह सड़क पर गिर गई, इसके बाद मनचलों ने उसको बाइक से कई बार रौंदा, जिससे उसकी मौत हो जाए, लेकिन वह बच गई.
इस दौरान उसकी बहन ने परिजनों को फोन पर सूचना देकर उन्हें मौके पर बुला लिया. छात्रा को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. बताया गया है कि तीन मनचलों में गांव के रिश्ते का चाचा भी शामिल था. छात्रा द्वारा गलत नियत से मनचलों के झांसे में नहीं फंसने पर इस घटना को अंजाम दिया गया.
छात्रा को उपचार के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए कटिहार मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. मेडिकल कॉलेज से पटना में भी जब छात्रा की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो परिजन छात्रा को पटना के सरकारी अस्पताल ले गए और वहां से फिर रेनबो अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां छात्रा ने करीब 10 दिन तक जिदंगी और मौत के बीच जंग लड़ी.
परिजनों ने बताया कि छात्रा के पैर की हड्डी टूट गई है, इसके अलावा उसके सीने की पसली, जबड़ा और सिर में भी गंभीर चोट है. इलाज में लाखों रुपया खर्च हो गया. छात्रा का परिवार काफी गरीब है. इलाज के लिए पैसों के अभाव में छात्रा को करीब 21 दिन के इलाज के बाद वापस घर ले आया गया.
ये बोली पीड़ित छात्रा
वहीं पीड़ित छात्रा ने बताया कि पढ़ना चाहती हूं, जीना चाहती हूं और खुद के लिए इंसाफ चाहती हूं. गांव के रहने वाले जो रिश्ते में चाचा हैं और दो अन्य युवक हमेशा गलत नियत रखते थे. छात्रा ने बताया कि जब भी वह कहीं जाती, तो उसे तंग करते थे. शिक्षक दिवस वाले दिन जब बाजार से वापस आ रही थी, दुकान के पास बैठै सोनू ने दुर्गा और भोला पासवान को सूचना दे दी. इसके बाद सूनसान रास्ते पर दुर्गा और भोला कलभट के पास बाइक से आ गए. उन दोनों ने बाइक से उसे एक दो बार नहीं कई बार रौंदा. उसे मरणासन्न हालत में छोड़कर भाग गए.
पिता मांग रहा न्याय
वहीं, छात्रा का पिता मजदूर हैं और कर्ज लेकर उसने अपनी बेटी का इलाज कराया. उनका कहना है कि उसे अपनी बेटी के लिए न्याय चाहिये. इस हादसे के बाद उसकी बेटी अपंग हो चुकी है. उसका पूरा जीवन ही बर्बाद हो गया. वहीं, कटिहार पुलिस की मानें तो परिजनों की ओर से कोई लिखित आवेदन अबतक नहीं मिला है.
पटना में इलाज के दौरान पुलिस के द्वारा पीड़िता के दर्ज बयान का कोई कागजात नहीं पहुंचा है. कटिहार पुलिस का कहना है कि परिजनों के द्वारा या पटना पुलिस के द्वारा किसी भी प्रकार के लिखित कागजात मिलते ही मामला को दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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