एक अमेरिकी शख्स ने 3 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी. शख्स ने हथौड़े, पेचकस और बंदूक से तीनों को मौत (Murder Case) के घाट उतारा था. इस वारदात को अंजाम देने वाले शख्स को कोर्ट ने दोषी माना. जिसके बाद उसे जेल में 'मौत का इंजेक्शन' लगाकर सजा-ए-मौत (Death Sentence) दी गई. आइए जानते हैं पूरा मामला...
'मिरर यूके' की रिपोर्ट के मुताबिक, 61 वर्षीय अर्नेस्ट ली जॉनसन को एक पुराने हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. आखिरी मिनट में सजा रोकने की सभी दलीलों को खारिज कर दिया गया. जिसके बाद मंगलवार को उसे लीथल इंजेक्शन (Lethal Injection) लगाया गया. ये इंजेक्शन मौत की सजा पाए दोषियों को लगाया जाता है. इंजेक्शन लगने के कुछ ही देर में जॉनसन की मौत हो गई.
इंजेक्शन लगाए जाने से पहले जॉनसन ने कहा कि वह "स्वर्ग" जा रहा है. एक टीवी रिपोर्टर ने कहा कि इंजेक्शन लगने के बाद जॉनसन को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, बाद में वह हमेशा के लिए सो गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, जॉनसन ने 1994 में कोलंबिया में अपने घर के पास एक जनरल स्टोर में तीन कर्मचारियों- मैरी ब्रैचर (46) मेबल स्क्रूग्स (57) और फ्रेड जोन्स (58) की बेरहमी से हत्या कर दी थी. फिर उनके शवों को एक फ्रिज में छिपा दिया और नकदी चुराकर फरार हो गया.
कोर्ट ने नहीं मानी कोई दलील
हालांकि, कोर्ट में जॉनसन के वकीलों ने तर्क दिया था कि वह अल्कोहल सिंड्रोम के साथ पैदा हुआ, उसे ब्रेन ट्यूमर भी था. जॉनसन मानसिक रूप से भी कमजोर था. ऐसे में उसकी मौत की सजा को टाल दिया जाए. लेकिन कोर्ट ने ये दलील नहीं मानी.
एबीसी-17 के एक रिपोर्टर, जिसने मंगलवार को फांसी की सजा देखी, ने कहा कि जॉनसन ने परिवार को "आई लव यू" कहा, और 'मौत का इंजेक्शन' दिए जाने के बाद उसे सांस लेने में तकलीफ हुई. फिर वह सोता हुआ दिखाई दिया. अपने अंतिम बयान में, जॉनसन ने लिखा- "मैंने जो किया उसके लिए खेद है." गौरतलब है कि ये सजा पोप फ्रांसिस और समर्थकों द्वारा क्षमादान की दलीलों के बावजूद दी गई. मौत की सजा टालने के लिए कई वर्गों ने अपील की थी.