कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से सीबीआई ने लगातार 14वें दिन पूछताछ की है. उनसे जांच एजेंसी 140 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ कर चुकी है. 9 अगस्त की सुबह एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच के सिलसिले में उनसे पूछताछ की जा रही है. इसके अलावा उनके खिलाफ करप्शन का केस भी दर्ज किया गया है. सीबीआई इस केस से जुड़े तमाम सच जानने के लिए संदीप का दो बार पॉलीग्राफ टेस्ट भी कर चुकी है. उनके अलावा 6 लोगों का भी ये टेस्ट हुआ है.
सीबीआई के अधिकारियों ने पिछले रविवार को संदीप घोष के आवास पर भी तलाशी ली और उनसे पूछताछ की थी. उनको सुबह करीब 10.45 बजे साल्ट लेक में सीजीओ कॉम्प्लेक्स के अंदर घूमते देखा गया, जहां एजेंसी का पूर्वी क्षेत्रीय मुख्यालय है. एक अधिकारी ने बताया कि वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही जांच एजेंसी के की तीन टीमों में से पहली टीम आरजी कर अस्पताल के मुर्दाघर पहुंची.
वहां के बुनियादी ढांचे, शवों को सुरक्षित रखने और पोस्टमार्टम करने में शामिल प्रोटोकॉल के बारे में पूछताछ की. पांच सदस्यीय टीम ने अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों से बात की, जिसमें फोरेंसिक विभाग के प्रमुख और वर्तमान उप प्राचार्य डॉ. सप्तर्षि चटर्जी शामिल थे. ये जांच अस्पताल के पूर्व उप अधीक्षक अख्तर अली द्वारा भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोपों के बाद शुरू की गई है.
इसमें अस्पताल में लावारिस शवों की तस्करी, बायो-मेडिकल कचरे के निपटान में भ्रष्टाचार, निर्माण निविदाओं में भाई-भतीजावाद आदि जैसे वित्तीय कदाचार के आरोप लगाए गए हैं, जो कि संदीप घोष के प्रिंसिपल के कार्यकाल के दौरान किए गए थे. निजाम पैलेस से सीबीआई की दूसरी टीम ने एक साथ अस्पताल के स्टोर रूम की तलाशी ली, जहां चिकित्सा और खरीद संबंधित रिकॉर्ड रखे जाते हैं.
गुरुवार को एक अन्य सीबीआई टीम अस्पताल की आपातकालीन इमारत की तीसरी मंजिल पर स्थित चेस्ट विभाग गई, जहां उस रात पीड़िता ड्यूटी पर थी, अपराध स्थल का निरीक्षण किया. वहां नर्सों और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों से बात की गई. अब तक कि जांच में सीबीआई केवल एक आरोपी संजय रॉय की गिरफ्तारी ही कर पाई है, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई द्वारा जांच का कार्यभार संभाले जाने के 18 दिन बीत चुके हैं, लेकिन इस जघन्य अपराध के बारे में कई सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिल पाए हैं. जैसे कि ये रेप था या गैंगरेप? हालांकि, अभी तक कि जांच में यही सामने आया है कि इस अपराध को संजय रॉय ने अकेले अंजाम दिया है. क्योंकि अभी तक मिले सारे सबूत उसके ही खिलाफ हैं.
डॉ. संदीप घोष से सीबीआई की पूछताछ इन सवालों के इर्द-गिर्द घूम रही है...
1. आपको अपने अस्पताल में किसी डॉक्टर की हत्या होने की जानकारी कब और किससे मिली?
2. जब आपको पता चला कि आपके अस्पताल में एक महिला डॉक्टर की हत्या हुई है, तो आपने क्या किया?
3. आपको जब महिला डॉक्टर की मौत के बारे में बताया गया था, उसके बाद आप कहां गए और क्यों गायब हो गए?
4. क्या आपने यह जानने की कोशिश की थी कि पीड़िता में जान बची है या नहीं?
5. जब मौत आपके अपने अस्पताल परिसर में हुई, तो आपने तुरंत एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई?
6. आप क्राइम सीन की रक्षा का प्रोटोकॉल जानते हैं. आपने इसके लिए कोई उपाय क्यों नहीं किया?
7. मौत की खबर मिलने के के बाद आपने किस-किससे बात की थी?
8. आपको आरोपी संजय रॉय के बारे में कैसे पता चला था?
9. क्या आप संजय रॉय से कभी मिले हैं या फोन पर बात की है?
10. जब अस्पताल में हत्या हुई, तो आपने क्राइम सीन के पास रिनोवेशन की अनुमति क्यों दी?