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Lakhimpur Kheri violence: लखीमपुर हिंसा में 14 आरोपी, फिर आशीष मिश्रा ही क्यों बना 'मुख्य आरोपी'?

Lakhimpur Kheri violence SIT Chargesheet: लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में एसआईटी ने 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया है. साथ ही आशीष मिश्रा के एक और रिश्तेदार को आरोपी बनाया गया है.

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लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हुई थी हिंसा. (फाइल फोटो-PTI)
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हुई थी हिंसा. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 3 अक्टूबर को हुई थी लखीमपुर में हिंसा
  • 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हुई थी

Lakhimpur Kheri violence SIT Chargesheet: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने सोमवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. ये चार्जशीट 5 हजार पन्नों की है. इसमें एसआईटी ने 14 लोगों को आरोपी बनाया है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को हिंसा का मुख्य आरोपी बनाया है. 

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मामले में एसआईटी ने वीरेंद्र शुक्ला (Virendra Shukla) नाम के शख्स को भी आरोपी बनाया है. हालांकि, वीरेंद्र शुक्ला को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. वीरेंद्र शुक्ला आशीष मिश्रा का ही रिश्तेदार है. उस पर सबूत छिपाने का आरोप लगा है. पुलिस के मुताबिक, आशीष मिश्रा की थार जीप के पीछे चल रही दो गाड़ियों में एक वीरेंद्र की स्कॉर्पियो थी. पहले वीरेंद्र शुक्ला ने अपनी स्कॉर्पियो छिपाकर दूसरे की गाड़ी को बताया था. 

आशीष मिश्रा 'मुख्य आरोपी' क्यों?

1. किसानों को रौंदाः 3 अक्टूबर को लखीमपुर में थार जीप किसानों को रौंदते हुए गई थी. ये वही थार जीप थी जिसमें आशीष मिश्रा बैठा था. एफआईआर में भी ये बात कही गई थी.

2. गोलियां भी चलाईंः आशीष मिश्रा ने किसानों पर गोलियां चलाईं. एसआईटी की जांच में भी सामने आया है कि फायरिंग आशीष मिश्रा की राइफल और रिवॉल्वर से हुई थी. 

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3. सोची-समझी साजिशः एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि लखीमपुर की घटना लापरवाही या हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी. 

ये भी पढ़ें-- लखीमपुर में किसानों को ‘साजिश रचकर’ मारा गया: पुलिस, आशीष मिश्रा पर लगी धारा 307!

अब तक क्या-क्या हुआ?

- 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हिंसा हुई. किसानों को रौंद दिया गया. इस हिंसा में 4 किसानों के अलावा तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं और एक पत्रकार की भी मौत हो गई.

- 5 अक्टूबर को बहराइच जिले के किसान जगजीत सिंह ने आशीष मिश्रा समेत 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई. इसके जवाब में 6 अक्टूबर को शिवपुरी से बीजेपी पार्षद सुमित जायसवाल ने भी FIR दर्ज करवाई. सुमित जायसवाल लखीमपुर कांड में आरोपी भी है. 

- 9 अक्टूबर की सुबह आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए बुलाया गया. करीब 12 घंटे तक चली पूछताछ के बाद आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया. आशीष मिश्रा ने कई बार जमानत याचिका दायर भी की, लेकिन हर बार खारिज हो गई. 

- 14 दिसंबर को एसआईटी ने लखीमपुर कांड में FIR में धाराएं बदलवाने के लिए कोर्ट का रुख किया. कोर्ट के सामने एसआईटी ने लखीमपुर कांड को सोची-समझी साजिश बताया. कोर्ट ने FIR में गैर इरादतन हत्या की बजाय हत्या की धारा जोड़ने की मंजूरी दी. 

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अब तक कुल 19 लोग गिरफ्तार

- जगजीत सिंह की एफआईआर के मामले में 14 लोगों को आरोपी बनाया गया. इनमें से 13 को गिरफ्तार किया जा चुका है और सभी जेल में हैं. इस मामले में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू, अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, सत्यम त्रिपाठी उर्फ सत्यम, लतीफ उर्फ काले, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडे, लवकुश राणा, शिशु पाल, उल्लास कुमार उर्फ मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा और धर्मेंद्र बंजारा गिरफ्तार हो चुके हैं. वीरेंद्र शुक्ला भी आरोपी हैं, लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है.

- वहीं, बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मामले में रविवार को खैरतिया गांव के कंवलजीत सिंह और बाबौरा गांव के कमलजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है. इनसे पहले विचित्र सिंह, गुरविंदर सिंह, रंजीत सिंह और अवतार सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. सभी आरोपी अभी जेल में बंद हैं.

 

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