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पंजाब की गलियों से शुरू हुआ गैंगवार, कनाडा तक कत्लेआम... बिश्नोई-बंबीहा गैंग की खूनी जंग की Inside Story

कनाडा में गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है. इसी के साथ बिश्नोई गैंग और बंबिहा गैंग की खूनी जंग एक बार फिर सबके सामने आ गई है. इन दोनों गैंग की दुश्मनी काफी पुरानी है, इसमें सिद्धू मूसेवाला समेत कई लोगों की जान जा चुकी है.

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लॉरेंस बिश्नोई और दविंदर बंबिहा (फाइल फोटो)
लॉरेंस बिश्नोई और दविंदर बंबिहा (फाइल फोटो)

कनाडा में भारत से फरार गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. ये शूटआउट विनिपैग शहर में हुआ. यहां अज्ञात हमलावरों ने सुक्खा के घर में घुसकर उसके सिर में 9 गोली मारी. इस हत्या की जिम्मेदारी कनाडा से 10,570 किलोमीटर दूर दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने ली है. लॉरेंस गैंग ने ही पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की थी. इन दोनों हत्याओं के पीछे बिश्नोई गैंग और बंबिहा गैंग की खूनी जंग है, जो सालों से चली आ रही है. 

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क्या कहा लॉरेंस बिश्नोई ने?

लॉरेंस बिश्नोई नाम से बने फेसबुक पेज पर पोस्ट करके सुक्खा की मौत की जिम्मेदारी ली गई. इस पोस्ट में कहा गया, 'हां जी सत श्री कॉल, राम राम. ये सुक्खा दुनिके बंबिहा ग्रुप का जो इंचार्ज बना फिरता था उसका मर्डर हुआ है कनाडा में. उसकी जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप लेता है. इस ड्रग एडिक्टेड नशेड़ी और सिर्फ अपने नशे को पूरा करने के लिए पैसों के लिए उसने बहुत घर उजाड़े थे. हमारे भाई गुरलाल बराड़, विक्की मिद्दुखेड़ा के मर्डर में इसने बाहर बैठकर सबकुछ किया. संदीप नंगल अंबिया का मर्डर भी इसने करवाया था पर अब इसके किए हुए पापों की सजा उसे मिल गई है. बस एक बात कहनी है जो दुक्कियां तिक्कियां अभी भी रह गई हैं, जहां मर्जी भाग लो, दुनिया में किसी भी देश में चले जाओ. मत सोचो हमारे साथ दुश्मनी लेकर बचोगे, टाइम जरूर कम ज्यादा लग सकता है.लेकिन सजा सबको मिलेगी.'

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लॉरेंस बिश्नोई की इस पोस्ट में चार नामों का जिक्र (बंबिहा, गुरलाल बराड़, विक्की मिद्दुखेड़ा और संदीप नंगल) है, और इन्हीं नामों के चारों तरफ ये जंग की पूरी कहानी घूमती है. आइए जानते हैं कि आखिर बंबिहा गैंग और लॉरेंस बिश्नोई कौन हैं और इनके पीछे की दुश्मनी की कहानी क्या है?

बंबिहा गैंग की पूरी कहानी

सबसे पहले बात करते हैं बंबिहा गैंग की. मोगा जिले के बंबिहा गांव में जन्मे दविंदर बंबिहा का असली नाम दविंदर सिंह सिद्धू था. जुर्म की दुनिया में आने से पहले वह एक लोकप्रिय कबड्डी खिलाड़ी हुआ करता था. साल 2010 में जब वह कॉलेज में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा था, तब उसका नाम एक क़त्ल के मामले में सामने आया था. यह वारदात उसके गांव में दो समूहों में हाथापाई के दौरान हुई थी. हत्या के मामले में दविंदर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जिसके बाद वो जेल में कई गैंगस्टरों के संपर्क में आया और फिर खतरनाक शार्प शूटर बन गया. लेकिन 9 सितंबर 2016 को बठिंडा जिले के रामपुरा के पास गिल कलां में 26 वर्षीय दविंदर बंबिहा को एक मुठभेड़ में पंजाब पुलिस ने मार गिराया था. बंबिहा पर 15 से ज्यादा केस दर्ज हुए, जिसमें 6 मर्डर के थे.

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बंबिहा की मौत के बाद कौन चला रहा गैंग? 

दविंदर तो मर गया, लेकिन उसका गैंग जिंदा रहा. काम वैसे ही चलता रहा. दविंदर के एनकाउंटर के बाद गौरव पटियाल उर्फ लकी और सुखप्रीत सिंह बुडाह गैंग चलाते रहे. गौरव पटियाल ने गैंग संभाली और पंजाब का बड़ा गैंग्सटर बन गया. पटियाल चंडीगढ़ का रहने वाला है. और फिलहाल आर्मेनिया में बैठकर गैंग चला रहा है. खास बात ये है कि पटियाल पहले पुलिस के हत्थे चढ़ा, जेल गया और फिर आर्मेनिया भाग गया. कई साल से पंजाब पुलिस उसे भारत लाने की कोशिश में जुटी है. कोशिश अब तक असफल. बंबिहा गैंग का दूसरा सरगना मोगा जिले के कुसा गांव का रहने वाला सुखप्रीत सिंह बुडाह अभी संगरूर जेल में बंद हैं. 

बंबिहा गैंग के हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 300 से ज्यादा गैंगस्टर हैं. इस गैंग ने दिल्ली हरियाणा के गैंगस्टर और लॉरेन्स के धुर विरोधी सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया और नीरज बवाना गिरोह से हाथ मिलाकर दिल्ली-एनसीआर में भी अपना नेटवर्क मजबूत कर लिया.

बिश्नोई गैंग से है दुश्मनी

वैसे तो हर गैंग को अपने इलाके में दूसरे गैंग से दिक्कत होती है और ऐसा ही मामला बंबिहा गैंग का है. इसका सबसे बड़ा दुश्मन है बिश्नोई गैंग. दोनों की लड़ाई में कई हत्याएं हुई हैं. इन्हीं गैंग की दुश्मनी में सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई.

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कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम जुर्म की दुनिया में नया नहीं है. वो जेल में रहकर भी अपना गैंग चलाता है. बिश्नोई पर सलमान खान पर 2 बार हमले की साजिश रचने, विदेशों से हथियार मंगाने और सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल होने का आरोप है. इस गैंगस्टर के गुर्गे पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, और राजस्थान में सक्रिय हैं. इसका गैंग कनाडा और दुबई से भी ऑपरेट करता है.

एक के बाद एक हत्या और बढ़ती गई दुश्मनी

गुरलाल बराड़ के भाई की हत्या 

बंबिहा गैंग ने अक्टूबर 2020 में चंडीगढ़ में गुरलाल बराड़ की हत्या कर दी. गुरलाल गोल्डी बराड़ का छोटा भाई था. गोल्डी बिश्नोई गैंग का सदस्य है. वह कनाडा में है और वहीं से गैंग को ऑपरेट करता है. गुरलाल भी लॉरेंस का करीबी था. गुरलाल की हत्या की साजिश आर्मेनिया में रची गई थी. इसी हत्या के बाद बिश्नोई गैंग और बंबिहा गैंग के बीच दुश्मनी बढ़ती जाती है. 

मोहाली में मिद्दूखेड़ा की हत्या 

अगस्त 2021 में मोहाली में विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या होती है. विकी मिद्दुखेड़ा की हत्या के बाद बंबिहा गैंग ने इसकी जिम्मेदारी ली थी. दरअसल, मिद्दूखेड़ा युवा अकाली दल का एक नेता था. 2009 में मिद्दूखेड़ा लॉरेंस बिश्नोई के संगठन स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी का अध्यक्ष बना था. विक्की लॉरेंस बिश्नोई का खास आदमी था. विक्की मिद्दूखेड़ा हत्याकांड में सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर शगुनप्रीत सिंह का भी नाम सामने आया था. शगुनप्रीत पर आरोप है कि उसने हत्या को अंजाम देने वाले शूटरों का सहयोग किया था और उनके रहने का इंतजाम किया था. शगुनप्रीत ऑस्ट्रेलिया भाग गया, उसके खिलाफ पंजाब पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया हुआ है. 

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आखिर क्यों हुई मिद्दूखेड़ा की हत्या? 

दरअसल म्यूजिक इंडस्ट्री में वर्चस्व की जंग ने विक्की मिद्दूखेड़ा की जान ले ली. जानकारी के मुताबिक विक्की एक ऐसा शख़्स था, जिसका पंजाब के संगीत जगत में ज़बर्दस्त दबदबा था. इसीलिए बड़े-बड़े सिंगर उनके संपर्क में रहते थे. बस यही बात पंजाब के कुछ दूसरे सिंगर्स और उनसे जुड़े गैंगस्टर्स को पसंद नहीं थी. विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या की दूसरी सबसे बड़ी वजह थी उसकी नज़दीकियां लॉरेंस बिश्नोई गैंग से बढ़ती जा रही थीं. इस वजह से वह दूसरे गैंगस्टर्स की आंखों की किरकिरी बना हुआ था. 

सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर लिया बदला

लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने 29 मई 2022 को सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर गुरलाल और मिद्दूखेड़ा की मौत का बदला लिया. सिद्धू पर कार से आए शूटरों ने अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं. उस वक्त सिद्धू अपनी थार कार से कहीं जा रहे थे. सिद्धू मूसेवाला को 19 गोलियां लगीं और उनकी मौत हो गई. सिद्धू की हत्या की जिम्मेदारी बिश्नोई गैंग ने ली थी. गोल्डी बराड़ ने कनाडा में बैठकर इसे पूरे हत्याकांड की साजिश रची थी. 

गोल्डी बराड़ ने मूसेवाला की हत्या के बाद फेसबुक पोस्ट में लिखा था, हम मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते हैं. मूसेवाला ने हमारे भाई विक्की की हत्या में मदद की थी. इसका बदला लिया गया. 

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बंबिहा गैंग ने दी धमकी

इसके बाद बंबिहा गैंग ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ से सिद्धू मूसेवाला की मौत का बदला लेने की बात कही थी. इसके बाद पिछले साल सितंबर में राजस्थान के नागौर में सेठी गिरोह के सदस्य संदीप बिश्नोई उर्फ सेठी की हत्या कर दी गई थी. संदीप बिश्नोई लॉरेंस बिश्नोई का भी खास था. संदीप की हत्या के बाद बंबिहा गैंग ने सोशल मीडिया पर इस मर्डर को बदले की कार्रवाई करार दिया था.

बंबिहा गैंग ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लेते हुए लिखा कि लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और गोल्डी बरार का भी ऐसा ही हाल होगा. अब लॉरेंस बिश्नोई ने सुक्खा की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए गुरलाल, मिद्दूखेड़ा और संदीप की मौत का बदला करार दिया.

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