लखनऊ में नकली और नशीली दवाइयों की तस्करी करने वाले दो लोगों को पुलिस ने दबोच लिया है. पुलिस ने इन लोगों के पास से भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद की हैं, जिनकी कीमत दो करोड़ से ऊपर आंकी गई है. ये लोग बिना मेडिकल डिग्री के ही दवा का करोबार कर प्रदेश के अलग अलग जिलों में बसों के जरिये दवाइयों का स्टॉक पहुंचाते थे.
कानपुर और लखनऊ की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर नकली दवाओं को बरामद कर लिया है. जानकारी के मुताबिक थाना अमीनाबाद में देर रात कानपुर से आई एक टीम और लखनऊ पुलिस थाना टीम ने मेडिसिन मार्केट में छापेमारी की. जिसमें 2 तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया. उनके पास से भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद की गई हैं. दवा तस्कर, जिन दवाओं की मांग बढ़ती थी उन दवाओं की डुप्लीकेट दवाइयां बनाकर सप्लाई किया करते थे.
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मिली जानकारी के अनुसार ये दवाएं हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यो में बनवाई जाती थीं और उत्तर प्रदेश केे अलग-अलग जिलों में सप्लाई की जाती थीं.
कानपुर कमिश्नर असीम अरुण के मुताबिक ''दबौली क्षेत्र में टेंपो स्टैंड के पास पुलिस ने जगईपुरवा निवासी पिंटू गुप्ता और बेकनगंज के आसिफ मोहममद खान को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से नाइट्रावेट-10 की 17,770 गोलियां और जिफी-200 की 48 हजार गोलियां बरामद हुई हैं. दोनों के पास दवा का लाइसेंस नहीं मिला है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पिंटू लखनऊ से ये दवाएं लेकर रोडवेज बसों में लोड करवाता था. बस और नंबर प्लेट का फोटो मोबाइल में खींचकर वॉट्सएप के जरिए आसिफ मोहम्मद को भेजा जाता था.
इसमें कंडक्टर का नाम और मोबाइल नंबर भी होता था. लखनऊ से कानपुर के अलावा बहराइच, गोंडा और बाराबंकी जिलों को भी नकली और नशीली दवाएं सप्लाई हो रही थीं.
पुलिस ने इन दवाओं को खपाने वाले कानपुर के कुछ मेडिकल स्टोर्स भी चिह्नित किए गए हैं. कमिश्नर लखनऊ डीके ठाकुर के मुताबिक ''कल कानपुर और लखनऊ की टीम ने अमीनाबाद क्षेत्र में गोदाम पर छापेमारी की, जिसमे नकली दवाएं बरामद हुई हैं. जिनको अलग अलग शहर में बेचा जा रहा था. 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, आगे की कार्यवाही कानपुर पुलिस कर रही है.''