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महादेव बेटिंग ऐप केस में अहम खुलासा, बांग्लादेशी क्रिकेटर शाकिब उल हसन की बहन का भी आया नाम

ईडी ने महादेव बुक ऐप के प्रमोटर हरि शंकर टिबरेवाल के सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. सहयोगी सूरज चोखानी ने डेल्टिन कैसीनो काठमांडू, बांग्लादेश में क्रिकेट ऐप और सेवन स्टार होटल ली मेरिडियन अल मार्जन में निवेश किया था. इसे लेकर कई और भी खुलासे हुए हैं.

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महादेव बैटिंग ऐप मामले में हो रहे हैं अहम खुलासे
महादेव बैटिंग ऐप मामले में हो रहे हैं अहम खुलासे

महादेव ऐप सट्टेबाजी मामले में कुछ दिन पहले ही ईडी ने गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद गिरफ्तार आरोपियों को पीएमएलए विशेष न्यायालय, रायपुर के समक्ष पेश किया गया, जिसने आरोपियों को 11 मार्च तक 7 दिनों के लिए ईडी हिरासत में भेज दिया था. ईडी की जांच से पता चला है कि सूरज चोखानी ने टिबरेवाल के सैकड़ों करोड़ रुपये सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में निवेश किए थे और उसने काठमांडू में एक हाई-एंड कैसीनो में भी निवेश किया था. 

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नेपाल के कैसिनो में 40 करोड़ का निवेश

चोखानी ने नेपाल के डेल्टिन कैसीनो काठमांडू में 40 करोड़ रुपये का निवेश किया था और कैसीनो में बड़ी हिस्सेदारी रखी थी. यह निवेश लोटस 365 और महादेव बुक ऐप के माध्यम से अर्जित अपराध की आय से किया गया था. इसके अलावा चोखानी ने बांग्लादेश में ऐप 11 विकेट डॉट कॉम में निवेश किया था जिसमें उसकी पार्टनर जनतुल हसन नाम की महिला थी जो बांग्लादेश के क्रिकेटर शाकिब हसन की बहन हैं. चोखानी द्वारा किया गया तीसरा ऐसा निवेश जो अपराध की आय से सामने आया वह एक बन रही सात सितारा संपत्ति में है जिसका नाम एल मेरिडियन अल मार्जन है.

ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की. इसके बाद, विशाखापत्तनम पुलिस और अन्य राज्यों द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को भी रिकॉर्ड पर लिया गया. मेसर्स महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग एप इतना बड़ा सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी में लिप्त था और बेनामी बैंक खातों के माध्यम से काले धन की हेराफेरी करता था.

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लोटस365 में भी पैसे का हेरफेर
ईडी की जांच से पता चला कि गिरीश तलरेजा की "लोटस365" के संचालन में हिस्सेदारी है, जो महादेव ऑनलाइन बुक की सहयोगी कंपनी है जिसे पुणे स्थित ब्रॉन्च से संचालित किया जा रहा था. वह लोटस365 के अवैध संचालन में रतन लाल जैन उर्फ अमन और सौरभ चंद्राकर का पार्टनर है. यह पता चला कि इस ब्रॉन्च द्वारा प्रति माह लगभग 50 करोड़ रुपये की सट्टेबाजी नकदी का प्रबंधन किया जा रहा था. गिरीश तलरेजा को इस ब्रॉन्च के "कैश हैंडलिंग व्हाट्सएप ग्रुप" के सदस्यों में से एक पाया गया और तलाशी के दौरान 1 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए.

शेयर बाजार को भी करता था मैनेज

ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि हरि शंकर टिबरेवाल ने सट्टेबाजी वेबसाइट "स्काईएक्सचेंज" के लिए अवैध सट्टेबाजी संचालन में महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटरों के साथ भी साझेदारी की थी. हरि शंकर टिबरेवाल ने भारत और भारत के बाहर संचालित कई कंपनियों के माध्यम से सट्टेबाजी संचालन से उत्पन्न अपराध की आय को वैध बनाया था. हरि शंकर टिबरेवाल ने भारतीय कंपनियों के लिए शेयर निवेश की आड़ में अपराध की आय को वैध बनाने और छिपाने के लिए सूरज चोखानी का इस्तेमाल किया.

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कोलकाता में तलाशी से यह भी पता चला कि हरि शंकर टिबरेवाल सूचीबद्ध कंपनियों के प्रमोटरों के साथ मिलकर शेयर बाजार में हेरफेर में भी शामिल थे. हरि शंकर टिबरेवाल, अपनी विशाल पूंजी का उपयोग करके, शेयर की कीमतों में अस्थायी उतार-चढ़ाव लाते थे और मार्केट को ऊपर की तरफ ले जाते थे और फिर मनमाना पैसा मिलने के बाद पैसा निकाल लेते थे.

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