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महंत नरेंद्र गिरि मौत केस: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और आरोपियों से पूछताछ में क्या-क्या सामने आया?

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि हुई है. हालांकि, आत्महत्या क्यों की, इस बारे में पुलिस पता लगा रही है. इस बीच इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने कई अहम खुलासे भी किए हैं.

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महंत नरेंद्र गिरि (फाइल फोटो-PTI)
महंत नरेंद्र गिरि (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 20 सितंबर को हुई थी महंत नरेंद्र गिरि की मौत
  • महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट भी लिखा था
  • सुसाइड नोट में जिनके नाम लिए, सभी गिरफ्तार

Mahant Narendra Giri Death Case Updates: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में कई अहम बातें अब तक सामने आई हैं. हालांकि, अब भी बहुत सारी बातें हैं जिनका पता लगाना बाकी है. महंत नरेंद्र गिरि की शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जो सामने आई है, उसमें सुसाइड की पुष्टि हो चुकी है. लेकिन उन्होंने आत्महत्या क्यों की, इस बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है.

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महंत नरेंद्र गिरि की शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह 'Asphyxia' लिखा है, यानी वो स्थिति जब व्यक्ति सांस लेने में असमर्थ हो और उससे उसकी मौत हो जाए. इसके अलावा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हिसाब से महंत नरेंद्र गिरि की मौत का समय 20 सितंबर को दोपहर 3 से 3:30 बजे के बीच है. उनके शरीर पर चोट के निशान भी नहीं मिले हैं.

हालांकि, उन्होंने आत्महत्या क्यों की? इसकी जांच की जा रही है. जांच ब्लैकमेलिंग के एंगल पर भी हो रही है कि अगर कोई फोटो है जिससे नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल किया जा रहा था तो वो फोटो कहां है? किसके पास है? इसको लेकर आनंद गिरी (Anand Giri) से पूछताछ की गई लेकिन उसने फोटो की बात से इनकार कर दिया है. इस मामले में पुलिस ने अब तक आनंद गिरि के अलावा लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी (Aadhya Tiwari) और उनके बेटे संदीप तिवारी (Sandeep Tiwari) को भी गिरफ्तार किया है.

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महंत नरेंद्र गिरि का जो वीडियो पुलिस के पास है उसमें भी इन तीनों गिरफ्तार आरोपियों का नाम लिया है. वीडियो में सिर्फ नरेंद्र गिरि का चेहरा दिख रहा है वीडियो उसी कमरे का है जिसमें लाश मिली. कपड़े भी सेम हैं. वीडियो खुद नरेंद्र गिरी ने बनाया था. वीडियो में फांसी का फंदा नहीं दिख रहा है.

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13 सितंबर को ही आत्महत्या करना चाहते थे महंत

महंत नरेंद्र गिरि फांसी लगाने से पहले 13 सितंबर को सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या करना चाहते थे. पुलिस को कमरे से सल्फास की गोलियां मिली है जो महंत नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य से मंगवाईं थी. फांसी के लिए जो रस्सी थी वो भी कुछ दिन पहले शिष्य से मंगवाई थी. पुलिस ने सल्फास की गोलियां कब्जे में ले ली हैं, जिसे केमिकल जांच के लिए भेजा गया है.

पुलिस ने सुसाइड नोट को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. मौके से महंत नरेंद्र गिरि के लिखे कई दस्तावेज भी मिले हैं, जिन्हें कब्जे में लेकर हैंड राइटिंग एक्सपर्ट को सौंपा गया है. रिपोर्ट आने के बाद साफ होगा कि सुसाइड नोट नरेंद्र गिरि ने खुद लिखा या किसी और से लिखवाया था.

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इस बात से भी परेशान थे नरेंद्र गिरि...

बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि इस बात को लेकर भी परेशान थे कि जब उन्हें कोरोना हुआ था तो उनका सबसे प्रिय शिष्य आनंद गिरी उनसे मिलने नहीं आया था. जबकि कई अन्य शिष्यों ने उस दौरान महंत की काफी सेवा की थी. आनंद गिरि ने बताया है कि मई में गुरु नरेंद्र गिरि से समझौता हो जाने के बावजूद दोनों में दूरियां थी. दोनो की आपस मे बात नहीं हुई. आनंद गिरि सच बोल रहा है या नहीं, इसके लिए पुलिस सीडीआर की जांच कर रही है.

वहीं, आद्या तिवारी ने पूछताछ में बताया कि 'मेरा बेटा संदीप तिवारी आनंद गिरि को गुरु मानता था और आनंद गिरि को ही फॉलो करता था इसलिए एक दिन महंत नरेंद्र गिरि ने मुझे कहा कि आज से तुम मुख्य पुजारी नहीं रहोगे. आज से तुम भी अन्य पुजारियों की तरह रहोगे जिन्हें सैलरी मिलती है.' आद्या तिवारी का कहना है कि क्योंकि मेरा बेटा संदीप आनंद गिरि को गुरु मानता था इसलिए नरेंद्र गिरि को शक था कि मैं भी आनंद गिरि के साथ मिलकर उन्हें धोखा दे रहा हूं. 

 

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