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महाराष्ट्र में सांगली जिले के म्हैसल गांव में 20 जून को 9 लोगों की कथित सामूहिक खुदुकशी ने हर किसी को हिलाकर रख दिया था. शुरुआती जांच में पुलिस इसके पीछे कर्ज के दबाव में आत्महत्या मान रही थी, लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. यह मामला अब सामूहिक आत्महत्या का न होकर सामूहिक हत्याकांड का बन गया है. पुलिस का कहना है कि गुप्त धन के लालच में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया.
सांगली के एसपी दीक्षित गेडाम ने बताया कि घर के 9 लोगों को खाने में कोई बहुत जहरीला पदार्थ देकर हत्याकांड को अंजाम दिया गया. इस मामले में दो लोगों धीरज चंद्रकांत सुरवशे और अब्बास महमंद अली बागवान को सोलापुर से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अब तक 19 लोगों को अरेस्ट कर चुकी है. चंद्रकांत और अब्बास को मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा.
एसपी गोडाम ने कहा कि मृतक डॉ. माणिक वनमोरे और पोपट वनमोरे गुप्त धन को लेकर कुछ लोगों के संपर्क में थे. देर रात तक वो उनसे इस बारे में बात करते थे. पुलिस ने उनकी कॉल डिटेल्स निकालकर तफ्तीश की तो ये दो नाम सामने आए. इन दोनों आरोपियों को सोमवार को सोलापुर से गिरफ्तार करके सांगली लाया गया. अदालत में पेशी के बाद आगे की जांच की जाएगी.
हर कोई रह गया था हैरान
बता दें कि पोपट और मणिक वनमोरे भाई थे. पोपट वनमोरे शिक्षक और मणिक वनमोर वैटनरी डॉक्टर थे. पोपट वनमोरे की बेटी बैंक में काम करती थी. 20 जून को पुलिस को एक घर में मणिक वनमोरे, उनकी पत्नी, मां, बेटी, बेटा और भतीजे का शव मिला था, जबकि दूसरे घर में पोपट वनमोरे, उनकी पत्नी और बेटी का शव मिला था. वनमोरे परिवार का एक घर म्हैसल गांव के अंबिका नगर में है तो दूसरा राजधानी कॉर्नर में है.
दूसरे परिवार के लोग भी मृत पाए गए
वारदात का खुलासा उस समय हुआ, जब स्थानीय लड़की मणिक वनमोरे के घर यह पूछने पहुंची कि वे दूध लेने क्यों नहीं आए? लेकिन जैसे ही उसने देखा कि दरवाजा खुला है तो वह अंदर चली गई. अंदर शव पड़े देख वह दंग रह गई. उसने गांव के लोगों को इसकी सूचना दी. गांव वाले दूसरे भाई पोपट वनमोरे के घर ये बताने के लिए पहुंचे, लेकिन वहां भी परिवार के लोग मृत पड़े मिले. लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी.
(रिपोर्टः स्वाति चिखलिकर)