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Sangli Suicide: 9 लोगों ने जहर पीकर यूं ही नहीं लगाया मौत को गले, क्या ये हैं असली गुनहगार?

महाराष्ट्र के सांगली में एक ही परिवार के 9 लोगों की आत्महत्या के मामले में अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं. शुरुआती जांच में पता चला है कि परिवार के मुखिया ने कारोबार के लिए साहूकारों से भारी कर्ज लिया था जिसके बाद उसे लौटाने के लिए वो लोग परिवार को परेशान कर रहे थे.

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एक ही परिवार के 9 लोगों ने कर ली खुदकुशी
एक ही परिवार के 9 लोगों ने कर ली खुदकुशी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • साहूकारों से परेशान था वनमोरे परिवार
  • सुसाइड नोट में मिले कई साहूकारों के नाम

महाराष्ट्र के सांगली (Sangli District) में एक ही परिवार के 9 लोगों की खुदकुशी के मामले ने पूरे देश को चौंका दिया है. पुलिस ने इस मामले में शुरुआती जांच के बाद 25 लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि 13 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई हैं. घटना सागंली के म्हैसाल गांव की है.

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जांच में सामने आया है कि वनमोरे बंधु भारी कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे और उन पर पैसा वापस करने का भारी दबाव था. जिन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है वो सभी लोग साहूकार हैं. इन पर माणिक  वनमोरे और उनके भाई पोपट वनमोरे के परिवार को आत्महत्या के लिए उकसाने, गैरकानूनी तरीके से पैसे और ब्याज वसूलने का आरोप है.

...तो क्या इसलिए 9 लोगों ने कर ली सामूहिक खुदकुशी?

जांच में सामने आया है कि डॉ. माणिक वनमोरे और उनके भाई पोपट वनमोरे ने कारोबार करने के लिए इन साहूकारों से मोटी रकम ली थी. साहूकार दोनों भाइयों पर पैसा लौटाने के लिए दबाव बना रहे थे और उन्हें कुछ दिनों पहले जलील भी किया गया था. आशंका जताई जा रही है कि इसी अपमान से दुखी होकर दोनों भाइयों ने परिवार सहित मौत को गले लगा लिया. 

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मृतक परिवार के पास जो सुसाइड नोट पुलिस को बरामद हुए है, उसमें इन सभी आरोपी साहूकारों के नाम लिखे हुए थे. इस आधार पर पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और 25 लोगों को हिरासत में लिया है.

डॉ. माणिक वनमोरे और उनके भाई पोपट वनमोरे के रिश्तेदार गोविंद कुराडे ने बताया, 'मैं पिछले महीने ही यहां से गया था, तब तक तो सब ठीक था. खुदकुशी पूरे परिवार ने क्यों की है, ये सवाल मुझे भी परेशान कर रहा है. आदाटे नाम का एक शख्स घर पर आता था और उसने सरकारी अनुदान से जेसीबी दिलवाने का वादा किया था. उसको माणिक ने इसके लिए पैसे भी दिए थे.' 

वहीं मृतक माणिक वनमोरे के पड़ोसी शुभम ने बताया कि पूरे परिवार का स्वभाव बहुत अच्छा था. कभी किसी से झगड़ा नहीं हुआ. हमें जब से घटना की जानकारी मिली है, तब से सदमे में ही हैं.

गांव में 'राइस पुलर' को मौत की वजह बता रहे लोग

वहीं इस सामूहिक आत्महत्या के मामले को लेकर गांव के लोग कुछ और ही तर्क दे रहे हैं. म्हैसाल गांव के निवासियों ने बताया कि वनमोरे बंधु किसी चावल खींचने वाली धातु (राइस पुलर) के सौदे की बात करते रहते थे. ऐसा सुनने में आया कि दोनों भाइयों को किसी विदेशी कंपनी से 3000 करोड़ रुपये मिलने वाले थे, जिसके चक्कर में उन्होंने साहूकारों से भारी कर्ज लिया था.

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वहीं, गांव में चल रही अटकलों को लेकर सांगली के एसपी दीक्षित गेडाम  ने कहा कि ये सभी लोगों के बीच चल रही महज एक चर्चा है, उनके पास फिलहाल इसकी पुष्टि करने के लिए कुछ भी नहीं है.

गांव में यह चर्चा आम है कि दोनों भाई चावल खींचने वाले राइस पुलर यानी चावल खींचने वाली जादुई धातु के सौदे में शामिल थे. एक गिरोह ने वनमोरे बंधुओं से वादा किया था कि अगर उन्हें 'चावल खींचने वाली' धातु मिलती है तो उन्हें भारी मुनाफा होगा. कथित तौर पर दोनों भाई गिरोह के चंगुल में फंसकर इस तरह के सौदे के लिए उधार पैसे लेते जा रहे थे, जिसके बाद कर्ज देने वालों ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया था.

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