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मणिपुर हिंसा: CBI ने हथियार लूटने वाले 7 आरोपियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट

सीबीआई ने पिछले साल मणिपुर जातीय हिंसा के दौरान बिष्णुपुर पुलिस शस्त्रागार से हथियार और गोला-बारूद की लूट के मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है.

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सीबीआई टीम. (फाइल फोटो)
सीबीआई टीम. (फाइल फोटो)

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) मणिपुर में जातीय हिंसा के बीच पिछले साल अगस्त में भारतीय रिजर्व बटालियन (IRB) से हथियार और गोला-बारूद लूटने के सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. जांच एजेंसी ने ये आरोप पत्र गुवाहाटी में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कामरूप (मेट्रो) की अदालत के समक्ष दायर किया था. 

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एक अधिकारियों ने रविवार को कहा कि सीबीआई ने पिछले साल मणिपुर जातीय हिंसा के दौरान बिष्णुपुर पुलिस शस्त्रागार से हथियार और गोला-बारूद की लूट के मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. अदालत में दायर किए आरोप पत्र में लैशराम प्रेम सिंह, खुमुकचम धीरेन उर्फ थपकपा, मोइरंगथेम आनंद सिंह, अथोकपम काजीत उर्फ किशोरजीत, लौक्राकपम माइकल मंगांगचा उर्फ माइकल, कोंथौजम रोमोजीत मेइतेई उर्फ रोमोजीत और कीशम जॉनसन उर्फ जॉनसन को आरोपी नामित किया गया है. 

3 अगस्त को हुई थी घटना

भीड़ ने 3 अगस्त को बिष्णुपुर के नारानसीना में आईआरबी के मुख्यालय के दो कमरे से 300 से ज्यादा हथियार और 19,800 राउंड गोला-बारूद लूट लिया था. अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ ने विभिन्न कैलिबर की लगभग 9,000 गोलियां, एक एके सीरीज असॉल्ट राइफल, तीन 'घातक' राइफलें, 195 सेल्फ-लोडिंग राइफल, पांच एमपी-5 बंदूकें, 16.9 मिमी पिस्तौल, 25 बुलेटप्रूफ जैकेट, 21 कार्बाइन और 124 हैंड ग्रेनेड जैसी अन्य चीजों को भी लूट लिया था.

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24 अगस्त के दर्ज किया था CBI ने मामला

सीबीआई ने इस मामले में 24 अगस्त, 2023 को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और बिष्णुपुर के मोइरंग थाना पुलिस ने मामले की शुरुआती जांच की थी. इस मामले में शामिल सभी आरोपियों की पहचान करने और उन पर मुकदमा चलाने की कोशिश के साथ एजेंसी की जांच अभी जारी है. 

3 मई, 2023 को घाटी-बहुसंख्यक मैतेई और पहाड़ी-बहुसंख्यक कुकी के बीच जातीय झड़प के बाद मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई थी.अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के बाद भड़की जातीय हिंसा में अब तक 219 लोगों की जान चली गई है और कई सौ लोग घायल हुए हैं. मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वो ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी नागा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत से थोड़ी ज्यादा है और ये पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

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