मणिपुर हिंसा के मामले में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है. जिसके मुताबिक, यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों का शिकार बनी पीड़ित महिलाओं और अन्य प्रभावित लोगों को मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार ने 5 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा के दौरान यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों की पीड़ित महिलाओं के साथ-साथ दूसरे उत्तरजीवियों को मणिपुर मुआवजा योजना के तहत मुआवजा दिया जा रहा है. 5 करोड़ रुपये मुआवजा राशि के तौर पर 'महिला पीड़ित मुआवजा निधि' के बैंक खाते में जमा किए गए हैं. यह फंड पहले ही बनाया जा चुका था.
यह बैंक खाता एमएएसएलएसए (MASLSA) के सदस्य सचिव द्वारा संचालित है. जिसके माध्यम से मणिपुर राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण, जिला कलेक्टरों और सक्षम प्राधिकारियों द्वारा मुआवजा जारी किया जा रहा है.
राज्य ने सूचित किया है कि मणिपुर सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राहत शिविरों में विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों को कानून के अनुसार विकलांगता प्रमाण पत्र और विकलांगता प्रमाण पत्र की डुप्लिकेट कॉपी जारी करने के संबंध में एक कार्रवाई रिपोर्ट दी है. विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों को विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए विभिन्न जिलों में सेशन की एक श्रृंखला आयोजित की गई.
गृह विभाग ने 19 जून 2023 को जारी किए गए एक पत्र के माध्यम से सभी उपायुक्तों को राज्य में चल रही हिंसा के दौरान उन लोगों के आधार कार्ड बनाने के लिए विशेष आधार शिविर खोलने का निर्देश दिया है, जिनके आधार कार्ड या तो खो गए या जला दिए गए.
विशेष आधार शिविर खोलकर राहत शिविरों में रह रहे लोगों के लिए अब तक 3928 आधार कार्ड दोबारा बनाए जा चुके हैं. आधार कार्डों के पुनःप्राप्ति और पुनर्प्राप्ति की प्रक्रिया अभी भी जारी है.