उत्तर प्रदेश के मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड की जांच जारी है. पुलिस के साथ ड्रग्स डिपार्टमेंट ने उस मेडिकल स्टोर पर छापा मारा, जहां से हत्या की मुख्य आरोपी मुस्कान रस्तोगी ने दवाईयां खरीदी थीं, जिसमें एक एंटी डिप्रेशन इंजेक्शन भी शामिल है. शहर के खैर नगर स्थित उषा मेडिकल स्टोर पर ड्रग्स डिपार्टमेंट की टीम पहुंची. ड्रग्स इंस्पेक्टर ने की अगुवाई में टीम ने स्टोर संचालक से पूछताछ के बाद जरूरी जानकारी जुटाई. इसी दुकान हत्या में इस्तेमाल किए गए बेहोशी का इंजेक्शन खरीदा गया था.
जानकारी के अनुसार, 1 मार्च को मुस्कान उषा मेडिकल स्टोर पर पहुंची थी. उसने पिता की उसके बुजुर्ग पिता के लिए दवाई चाहिए. स्टोर संचालक का कहना है कि उन्होंने डॉक्टर के पर्चे पर लिखी गई दवाएं उसे दी थी, जिसमें Tagara Tablet, Mezolam Injection और Digene का नाम शामिल है. इन तीनों दवाओं में मेज़ोलैम इन्जेक्शन का इस्तेमाल एंटी डिप्रेशन ड्रग्स के रूप में किया जाता है. इसी इंजेक्शन को लगाकर मुस्कान रस्तोगी ने अपने पति सौरभ राजपूत को बेहोश किया था.
तीनों दवाओं का विवरण इस प्रकार है...
1. Himalaya Tagara Tablet: ये एक आयुर्वेदिक दवा है, जिसे खरीदने के लिए डॉक्टर के पर्चे की जरूरत नहीं होती है. माईउपचार.कॉम के अनुसार, इस दवा का इस्तेमाल मुख्यतः निद्रा रोग, अनिद्रा के इलाज के लिए किया जाता है.
2. Mezolam Injection: ये एक इंजेक्शन है, जिसे डिप्रेशन के शिकार मरीजों को दिया जाता है. माईउपचार.कॉम के अनुसार, इसे एनेस्थीसिया (बेहोश करने वाली दवा) के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाता है. इसे बिना डॉक्टर के पर्चे के कोई दुकानदार नहीं दे सकता.
3. Digene: पेट में एसिडिटी और गैस होने पर इस दवा को सामान्य रूप से दिया जाता है. इसे बिना डॉक्टर के पर्चे के आसानी से दुकान से खरीदा जा सकता है.
मुस्कान रस्तोगी द्वारा खरीदी दी गई तीनों दवाओं पर नजर डाली जाए, तो दो को बिना डॉक्टर के पर्चे के खरीदा जा सकता है. उसने बहुत चालाकी से दो सामान्य दवाओं के बीच इस इंजेक्शन को खरीद लिया और इसका इस्तेमाल अपने पति की हत्या में किया. ड्रग्स इंस्पेक्टर का कहना है कि यदि बिना पर्चे के दवाइयां देने का मामला सामने आया, तो मेडिकल स्टोर का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. हालांकि, स्टोर संचालक का कहना है कि मुस्कान पहली बार उनसे दवा लेकर गई थी. उससे पहले उन्होंने उसे नहीं देखा था.
उधर, उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि वो सौरभ राजपूत हत्याकांड को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने की योजना बना रहे हैं. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा ने बताया कि पुलिस मामले में जल्द से जल्द आरोप पत्र दाखिल करने को प्राथमिकता देगी. उन्होंने कहा, "हम मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाने की कोशिश करेंगे, ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके." उन्होंने कहा कि पुलिस मुस्कान और साहिल को उनकी 14 दिन की न्यायिक हिरासत समाप्त होने के बाद अपनी हिरासत में लेने की कोशिश करेगी.
सौरभ राजपूत के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उसका सिर धड़ से अलग था. दोनों हाथ कलाई से कटे हुए थे और पैर पीछे की ओर मुड़े हुए थे, जिससे लगता है कि शव को ड्रम में डालने की कोशिश की गई थी. मौत का कारण सदमे और अत्यधिक रक्तस्राव बताया गया है. हत्या के बाद मुस्कान रस्तोगी और उसका प्रेमी साहिल शुक्ला 10 मार्च को हिमाचल प्रदेश के कसोल गए और खुद को पति-पत्नी बताकर एक होटल में ठहरे. होटल संचालक ने बताया कि वे 16 मार्च को वहां से चले गए थे.
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पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि सौरभ राजपूत के दिल में तीन बार बहुत जोर से चाकू घोंपा गया था, जो लगातार और हिंसक हमले का संकेत देता है. पुलिस अधीक्षक (शहर) आयुष विक्रम सिंह ने पोस्टमार्टम निष्कर्षों की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, "मुस्कान ने सौरभ के दिल में चाकू घोंपकर उसे छेद दिया. उसकी गर्दन काटी गई और दोनों हथेलियां काट ली गईं. ड्रम में फिट करने के लिए शव को चार टुकड़ों में काटा गया था." मेडिकल टीम ने शव को छिपाने की भयानक कोशिश के बारे में विस्तार से बताया.
पुलिस उप महानिरीक्षक (मेरठ जोन) कलानिधि नैथानी ने पुलिस बल को गहन जांच करने, तुरंत आरोप पत्र दाखिल करने और कड़ी सजा दिलाने के लिए मजबूत अभियोजन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. जांच टीम का नेतृत्व एक निरीक्षक और एक सहायक पुलिस अधीक्षक द्वारा की जा रही है. चाकू, ड्रम और सीमेंट बेचने वाले विक्रेताओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. पुलिस हत्या के बाद आरोपी की गतिविधियों की भी जांच कर रही है. पुलिस की एक टीम विस्तृत जांच के लिए मनाली और कसोल भी गई है.