उत्तर प्रदेश के मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड के दोनों आरोपियों की हालत जेल में खराब हो गई है. वो लगातार नए-नए डिमांड कर रहे हैं. इस केस की मुख्य आरोपी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला को न्यायिक हिरासत में केंद्रीय करागार में रखा गया है. बताया जा रहा है कि ड्रग्स और शराब के आदि दोनों आरोपी जेल प्रशासन से नशे की मांग कर रहे हैं. उनको मारिजुआना और मॉर्फिन का इंजेक्शन चाहिए, जिसके नहीं जाने पर उन दोनों से खाना खाने से इनकार कर दिया है.
जेल अधिकारियों का दावा है कि दोनों को नशीली दवाओं की लत के लक्षण महसूस हो रहे हैं. दोनों एक ही बैरक में एक साथ रहना चाहते हैं, लेकिन उन्हें बताया गया कि नियमों के अनुसार ऐसा संभव नहीं है. मुस्कान ने सरकारी वकील की भी मांग की है. उसको पता है कि उसका परिवार उससे परेशान है और उसकी मदद नहीं करेगा. जेल सूत्रों ने कहा, "मुस्कान और साहिल ठीक से सो नहीं पा रहे हैं. वे खाने-पीने से भी इनकार कर रहे हैं. उन दोनों बेचैनी में बैरक में घूमते हुए देखा गया है."
वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने कहा, "साहिल और मुस्कान दोनों ही लंबे समय से नशा कर रहे हैं. इसके कारण उन्हें बेचैनी की समस्या हो रही है. रात में नींद भी नहीं आ रही है." उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने उनके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दवाएं दी हैं. एक समर्पित टीम उनकी स्थिति पर नजर रख रही है. पुलिस जांच में पता चला है कि दोनों आरोपी नियमित रूप से ड्रग्स और शराब का सेवन करते रहे हैं. दोनों आरोपियों के जेल में रहने के बाद से उनसे कोई मिलने नहीं आया.
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने कहा कि मुस्कान ने अपना केस लड़ने के लिए सरकारी वकील की मांग की है. अपने आवेदन में उसने कहा है कि घटना के बाद से उसके माता-पिता उससे नाराज़ हैं. उसके लिए कोई भी लड़ने नहीं आए. इसलिए उसको एक सरकारी वकील चाहिए, जो अदालत में उसका केस लड़ सके. मुस्कान ने शनिवार को उनसे मिलने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा, "जब मैंने मुस्कान को फोन किया, तो उसने कहा कि उसका परिवार उसके लिए नहीं लड़ेंगा. उसने सरकारी वकील की मांग की है."
उन्होंने कहा, "यदि कोई कैदी सरकारी वकील की मांग करता है, तो उसे वकील मुहैया कराना हमारा कर्तव्य है. हमने उसका आवेदन स्वीकार कर लिया है. उसे अदालत में भेज दिया है, ताकि उसे सरकारी वकील मुहैया कराया जा सके. हालांकि, मुस्कान के प्रेमी साहिल ने अभी तक सरकारी वकील की मांग नहीं की है." दोनों आरोपियों के जेल में एक साथ रहने की मांग पर उन्होंने कहा, "हमने उनसे कहा कि जेल में यह संभव नहीं है. नियम के अनुसार महिला और पुरुष एक साथ नहीं रह सकते हैं."
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जेल में दिए जाने वाले काम के बारे में वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने कहा कि 10 दिनों तक कैदियों से कोई काम नहीं लिया जा सकता. उन्होंने बताया, "10 दिनों के बाद यदि वे कोई काम करना चाहते हैं, तो हम निर्णय लेंगे." जेल अधिकारी ने मुस्कान और साहिल के जेल में व्यवहार के बारे में पूछे जाने पर कहा कि सब कुछ धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. जब से दोनों ने दवा लेना शुरू किया है, तब से उनकी हालत में काफी सुधार हुआ है. अब वे अपने मामले के बारे में भी सोचने लगे हैं.
बताते चलें कि 3 मार्च को सौरभ राजपूत की हत्या करने और उसके शव को टुकड़े-टुकड़े करके नीले रंग के ड्रम में सीमेंट से सील करने के बाद मुस्कान रस्तोगी (27) और साहिल शुक्ला (25) 10 मार्च को कसोल पहुंचे थे. वे वहां छह दिन ठहरने के बाद 16 मार्च को चेक आउट कर गए. 17 मार्च को दोनों वापस मेरठ लौट आए. 11 मार्च को मुस्कान ने साहिल का बर्थडे भी सेलीब्रेट किया था. मेरठ पुलिस की एक टीम इस मामले की जांच के लिए हिमाचल प्रदेश के मनाली और कसोल भी गई है.
वहीं सौरभ राजपूत के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है. इसमें मुस्कान और साहिल की बर्बरता सामने आई है. रिपोर्ट से पता चला है कि सौरभ के शव का सिर धड़ से अलग कर दिया गया था. दोनों हाथ कलाई से कटे हुए थे. पैर पीछे मुड़े हुए थे. शव को पहले टुकड़े किए बिना ड्रम में डालने की कोशिश की गई थी. मौत का कारण सदमे और अत्यधिक रक्तस्राव को बताया गया है. डॉक्टरों ने बताया कि नुकीली चीज से सौरभ के दिल पर तीन बार जोर से वार किया गया था.
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एक डॉक्टर ने कहा, "तेज लंबे चाकू के वार दिल के अंदर तक चुभ गए." पुलिस अधीक्षक आयुष विक्रम सिंह ने रिपोर्ट की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, "मुस्कान ने सौरभ के दिल पर बेरहमी से वार किया, जिससे उसका दिल फट गया. उसकी गर्दन और दोनों हथेलियां कट गईं. ड्रम में फिट करने के लिए शव को चार टुकड़ों में काटा गया था."
पोस्टमार्टम टीम के एक सदस्य ने खुलासा किया, "शव को ड्रम में डाला गया और सीमेंट से भर दिया गया. सीमेंट में शव जम गया. हवा की कमी के कारण सड़ नहीं पाया. गंध बहुत ज्यादा खराब नहीं थी." शव को निकालने के लिए ड्रम को काटना पड़ा और सख्त सीमेंट को बड़ी मेहनत से हटाना पड़ा. डॉक्टरों से इसे जघन्य कांड करार दिया है.
उधर, यूपी पुलिस ने कहा कि वो सौरभ हत्याकांड को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने की योजना बना रहे हैं. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा ने बताया कि पुलिस मामले में जल्द से जल्द आरोप पत्र दाखिल करने को प्राथमिकता देगी. उन्होंने कहा, "हम मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाने की कोशिश करेंगे, ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके." उन्होंने कहा कि पुलिस मुस्कान और साहिल को उनकी न्यायिक हिरासत समाप्त होने के बाद अपनी हिरासत में लेने की कोशिश करेगी.