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हत्या के बाद श्रद्धा के बैंक खाते से आफताब ने ट्रांसफर किए थे 54 हजार रुपये, यही बने गले की फांस

आफताब और श्रद्धा मई में दिल्ली के महरौली में एक फ्लैट में शिफ्ट हुए थे. इसके बाद दोनों के बीच 18 मई को झगड़ा हुआ. आफताब ने गला दबाकर श्रद्धा की हत्या कर दी. इसके बाद उसके शव के 35 टुकड़े किए. आफताब ने शव के टुकड़ों को 300 लीटर के फ्रिज में रख दिया. वह शव के एक टुकड़े को फ्रिज से निकालकर देर रात में जंगल में फेंकने के लिए जाता था.

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श्रद्धा और उसकी हत्या का आरोपी आफताब (फाइल फोटो)
श्रद्धा और उसकी हत्या का आरोपी आफताब (फाइल फोटो)

दिल्ली के महरौली में हुए श्रद्धा हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ. आरोपी आफताब ने श्रद्धा की हत्या के बाद उसके खाते से 54 हजार रुपये भी ट्रांसफर किए थे. खास बात ये है कि जांच के दौरान इस ट्रांजेक्शन से पुलिस को आरोपी तक पहुंचने में काफी मदद मिली. ये पैसे 22 मई को यानी श्रद्धा की हत्या के चार दिन बाद ट्रांसफर किए गए थे. 

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आफताब और श्रद्धा मई में दिल्ली के महरौली में एक फ्लैट में शिफ्ट हुए थे. इसके बाद दोनों के बीच 18 मई को झगड़ा हुआ. आफताब ने गला दबाकर श्रद्धा की हत्या कर दी. इसके बाद उसके शव के 35 टुकड़े किए. आफताब ने शव के टुकड़ों को 300 लीटर के फ्रिज में रख दिया. वह शव के एक टुकड़े को फ्रिज से निकालकर देर रात में जंगल में फेंकने के लिए जाता था. पुलिस के मुताबिक, श्रद्धा की मौत के बाद जब कोई दूसरी महिला आफताब के फ्लैट पर आती थी, तो वह शव के टुकड़ों को फ्रिज से निकालकर अलमारी में रख देता था, ताकि कोई फ्रिज खोले तो उसे शक न हो. 

9 मई तक सोशल माीडिया का किया इस्तेमाल

इतना ही नहीं आफताब श्रद्धा की मौत के बाद भी उसका सोशल मीडिया अकाउंट इस्तेमाल करता रहा और उसके दोस्तों से बात करता रहा. ताकि किसी को कोई शक न हो. पुलिस के मुताबिक, आफताब ने 9 मई तक श्रद्धा के सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल किया. उधर, आफताब एक एक कर श्रद्धा के शव के टुकड़ों को भी ठिकाने लगाता रहा. वह रोज रात को फ्रिज से शव के एक टुकड़े को निकालकर जंगल में फेंक आता. 

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पुलिस के मुताबिक, आफताब हत्या के बाद भी उसी फ्लैट में रहता रहा और ऑनलाइन ऐप के जरिए खाना ऑर्डर करता था. वह 9 जून तक श्रद्धा की हत्या के बाद उसका सोशल मीडिया अकाउंट चलाता रहा और उसके दोस्तों से बात करता रहा. पुलिस के मुताबिक, आफताब गुरुग्राम के कॉल सेंटर में जॉब कर रहा था और दूसरी लड़कियों को भी डेट करता रहा. 

ऐसे हुआ हत्या का खुलासा

श्रद्धा के बचपन के दोस्त लक्ष्मण नाडर की चिंता ने ही श्रद्धा हत्याकांड का पर्दाफाश कराया. परिवार से तो दिल्ली आने के बाद श्रद्धा ने बातचीत करना बंद कर दिया था. मगर, वह अपने बचपन के दोस्त लक्ष्मण से संपर्क में थी. श्रद्धा ने बॉयफ्रेंड आफताब के व्यवहार के बारे में लक्ष्मण को भी बताया था. मगर, बाद में लक्ष्मण के मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया. कई दिनों तक लक्ष्मण का संपर्क श्रद्धा से नहीं हो सका. तब उसे लगा कि कहीं कुछ तो गलत है. फिर श्रद्धा के भाई और पिता को बताया कि श्रद्धा संपर्क नहीं हो पा रहा है और उसका फोन भी बंद आ रहा है. इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा.

कैसे गिरफ्त में आया आफताब

आफताब ने शुरुआत में मुंबई और दिल्ली पुलिस को चकमा देने की कोशिश की. उसने दावा किया था कि श्रद्धा 22 मई को झगड़े के बाद घर छोड़कर चली गई थी. आफताब ने पुलिस से कहा था कि घर से जाते वक्त वह सिर्फ अपना फोन लेकर गई थी, जबकि बाकी सारा सामान छोड़ गई थी और इसके बाद से वह उसके संपर्क में नहीं आई. 

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लेकिन पुलिस ने जब आफताब और श्रद्धा के कॉल रिकॉर्ड और उनकी लोकेशन की जांच की तो पुलिस के सामने कई सच सामने आए. पुलिस के सामने जो सबसे बड़ी बात सामने आई, वह 26 मई को श्रद्धा के नेट बैंकिंग अकाउंट ऐप से आफताब के अकाउंट में 54 हजार रूपये ट्रांसफर किए गए थे, जबकि आफताब ने पहले कहा था कि 22 मई के बाद वह श्रद्धा के संपर्क में नहीं है. 6 मई को जो बैंक ट्रांसफर हुआ था, उसका लोकेशन भी महरौली थाना इलाका ही निकला था.   

इतना ही नहीं 31 मई को श्रद्धा के इंस्टाग्राम अकाउंट से उसके दोस्त के साथ एक चैट हुई थी, जब पुलिस ने श्रद्धा के फोन का लोकेशन निकाला तो वह दिल्ली के महरौली थाना इलाके का निकला.  जब आफताब से पुलिस ने इस बारे में पूछताछ की, कि जब श्रद्धा अपने फोन के साथ घर छोड़कर चली गई थी तो उसका लोकेशन उसके घर के आस पास का ही क्यों निकल रहा है, तो इस बात का जवाब आफताब नहीं दे पाया और उसके बाद उसने पुलिस के सामने सच बोल दिया. 

 

 

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