गुजरात के सूरत में बलात्कार के एक आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. युवक पर मानसिक रूप से अस्वस्थ एक किशोरी के साथ रेप करने का आरोप है, जो उसके ही पड़ोस में रहती थी. इस पूरे मामले का राज लड़की के पास मिली एक चिट्ठी से खुला है.
किशोरी को लावारिस हालत में छोड़ा
मामला सूरत शहर के लिंबायत इलाके का है. मानसिक रूप से अस्वस्थ 14 साल की एक किशोरी को उसके पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने पहले अपनी हवस का शिकार बनाया. फिर उसे लावारिस हालत में छोड़ दिया. लड़की के परिजनों को जब इस मामले की भनक लगी, तो उन्होंने लिंबायत थाने में पुलिस को अपनी बेटी की आपबीती सुनाई. मानसिक रूप से अस्वस्थ होने की वजह से लड़की ये बता ही नहीं पा रही थी कि उसके साथ दुष्कर्म किसने किया.
मोबाइल नंबर से ऐसे खुला राज
इस पूरे मामले का पर्दाफाश एक चिट्ठी से हुआ जो पीड़िता ने अपने छोटे भाई को सौंपी थी. इस चिट्ठी में एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ था. पुलिस ने नंबर पर कई कॉल किए, लेकिन असफलता हाथ लगी. बाद में पुलिस को पता चला कि ये नंबर किशोरी के पड़ोस में रहने वाले कैलाश कोली नामक युवक का है. इसके बाद पुलिस ने उस डेट और समय की सीसीटीवी फुटेज चेक की और आरोपी की पहचान करने में सफल रही. इसके बाद पुलिस ने युवक की खोजबीन तेज कर दी.
मालिक की मदद से पकड़ा गया युवक
घटना के बाद युवक मुंबई भाग गया. बाद में पुलिस ने जहां वो काम करता था, उस मालिक से मदद ली. उसे बहाने बनाकर बुलाया गया और पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. पूछताछ करने पर युवक ने पुलिस को सब बता दिया. कैलाश कोली ने बताया कि वह नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपनी मोपेड पर बैठा कर लिंबायत थाना क्षेत्र के नीलगिरी सर्कल के पास झाड़ियों में ले लिया था, जहां उसने बलात्कार किया था. उसके बाद अपनी मोपेड पर बैठा कर युवती को नीलगिरी इलाके के बजरंग दल मंदिर के पास छोड़ कर चला गया. इस कबूलनामे के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी के खिलाफ अपहरण, बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
लिंबायत पुलिस थाने के पुलिस इंस्पेक्टर एच. बी. झाला ने बताया कि शुरुआत में यह केस पूरी तरह से ब्लाइंड था. चिट्ठी में लिखा मिला मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा था. बाद में पता चला कि ये नंबर 21 वर्षीय कैलाश कोली के नाम से रजिस्टर है. अगर लड़की के पास वह चिट्ठी ना मिलती तो आरोपी तक पहुंचने में पुलिस को थोड़ी मशक्कत करनी पड़ती. पीड़िता और आरोपी का मेडिकल टेस्ट करा लिया गया है.