मध्य प्रदेश के मुरैना के लेपा गांव में 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस सनसनीखेज हत्याकांड का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. घटना के बाद पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो गए थे. दरअसल, यह पूरा मामला पुरानी रंजिश से जुड़ा है. साल 2013 में लेपा गांव में रहने वाले धीर सिंह और गजेंद्र सिंह के परिवार के बीच एक स्थान पर कचरा डालने को लेकर विवाद हो गया था. विवाद इतना बढ़ गया कि धीर सिंह के परिवार के सोबरन और वीरभान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
इस हत्याकांड के बाद गजेंद्र अपने बेटे वीरेंद्र समेत पूरे परिवार के साथ गांव छोड़कर चला गया था और अहमदाबाद में रहने लगा था. पुलिस ने इस मामले के आरोपी वीरेंद्र को गिरफ्तार भी कर लिया था. मामला कोर्ट में चला. वीरेंद्र ने 18 महीने जेल में सजा काटी और फिर रिहा हो गया. वीरेंद्र के पिता गजेंद्र ने धीर सिंह के परिवार से समझौते की पेशकश की. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच सुलह हो गई.
शुक्रवार को जैसे ही गांव पहुंचे तो आरोपियों ने कर दी फायरिंग
वीरेंद्र के परिजनों ने बताया कि सुलह के रूप में उन्होंने धीर सिंह के परिवार को ₹1000000 भी दिए थे और एक मकान भी दे दिया था. सुलह हो जाने के बाद गजेंद्र और वीरेंद्र परिवार को साथ लेकर शुक्रवार को गांव पहुंचे थे, लेकिन धीर सिंह के परिवार के सदस्यों ने गजेंद्र और उनके परिजनों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं. इस दौरान एक-एक कर गजेंद्र के परिवार के लोगों को गोली मारी गई, जिनमें से 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई.
घटना का वीडियो सोशल मीडिया में हो रहा वायरल
इस पूरी घटना का वीडियो सामने आया है. घटना की सूचना पुलिस को दी गई. खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भेजा. उपचार के दौरान 3 महिलाओं ने भी दम तोड़ दिया. दो अन्य घायलों को ग्वालियर रेफर किया गया. इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए हैं.
मृतकों के परिजनों ने बताई वारदात की कहानी
मृतकों की परिजन ने कहा कि आरोपी गोली लेकर आ गए थे, उनकी पहले से तैयारी थी. इस दौरान उन्होंने गोली मार दीं. इसके बाद वह बंदूक लेकर भाग गए. महिलाएं ईंट फेंक रहीं थीं. हम सुबह ही गांव में आए थे. घटना के बाद पुलिस एक डेढ़ घंटे में आ गई थी.
मृतकों के परिजन ने कहा कि 10-11 साल पहले झगड़ा हुआ था. स्कूल के लिए सभी ने जमीन दान दी थी. धीर सिंह व उनके परिजन गोबर डालते थे, उनसे झगड़ा हो गया था. रंजीत ने वीरभान और सोवरन का मर्डर कर दिया था. यहां से हम लोग निकल गए. हमारा बेटा वीरेंद्र 9 साल अहमदाबाद रहा. पुलिस ने उसे पकड़ लिया. इसके बाद 18 महीने वह जेल में रहा. इसके बाद 1000000 रुपये लेकर इन्होंने राजीनामा किया. राजीनामा करके मेरा मकान लिखवा लिया.
घटना को लेकर क्या बोले प्रभारी एसपी?
मुरैना के प्रभारी एसपी रायसिंह नरवरिया ने कहा कि पुरानी अदावत थी. 2013 में कूड़ा डालने को लेकर विवाद हुआ था. इसके बाद समझौता हो गया था. मृतकों का परिवार आज गांव पहुंचा तो आरोपी घात लगाए बैठे थे, उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसमें तीन की मौके पर मौत हो गई. घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा, वहां 3 महिलाओं ने भी दम तोड़ दिया. बाकी घायलों को ग्वालियर भेजा गया है. आरोपियों को ट्रेस कर रहे हैं.