मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में लापरवाही की एक तस्वीर सामने आई. यहां उस मरीज को 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन लगा दिए गए जो कोरोना संक्रमित नहीं था. सामान्य आईसीयू वार्ड में एडमिट मरीज को 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए. मामला संज्ञान में आने पर महिला को जिला अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. वहीं कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
दरअसल, मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए कोहराम मचा हुआ है लेकिन राजगढ़ के जिला चिकित्सालय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया. यहां राजगढ़ जिला अस्पताल में एक कोरोना निगेटिव महिला मरीज को 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन लगा दिए गए. मामला मीडिया में आने के बाद उस महिला को जिला अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.
बता दें कि जिला अस्पताल के सामान्य आईसीयू वार्ड में एक महिला को कोविड की निगेटिव रिपोर्ट आने पर सामान्य वार्ड में एडमिट किया गया था. इसी बीच महिला को 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन लगा दिए गए. दरअसल पिछले दिनों पचोर के एक व्यक्ति ने राजगढ़ पहुंचकर कलेक्टर को 12 रेमडेसिविर इंजेक्शन दान दिये थे. जिसमें से 6 इंजेक्शन जिला अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते बिना कोरोना पॉजिटिव महिला कोलगा दिये गए.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि आखिर जब महिला मरीज की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी तो , उसको रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने की क्या जरूरत पड़ गई और यदि महिला गम्भीर थी और उसको कोरोना जैसे लक्षण थे तो उसे सामान्य मरीजो के बीच कैसे भर्ती किया गया.
इस पूरे मामले पर राजगढ़ कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा है कि मामले के संज्ञान में आने के बाद एक टीम का गठन किया गया है, जो पूरे मामले की जांच कर रही है.