देशभर में एटीएम मशीन से छेड़छाड़ कर बैंकों को लाखों रुपयों का चूना लगाने वाले एक शातिर गिरोह तक पहुंचने में खंडवा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो एटीएम मशीन तक को चुना लगा देते थे और बैंक को नुकसान पहुंचा रहे थे.
खंडवा के एसपी ललित गठरे के मुताबिक 'ये गिरोह एटीएम कार्ड के जरिए अपने खाते से धनराशि तो निकाल लेता लेकिन इसको तत्काल रीबूट करके ट्रांजेक्शन फेल का मेसेज भी हासिल कर लेता और फिर यह राशि बैंक से पुनः अपने खाते में भी डलवा लेता. इस तरह एटीएम मशीन इनके लिए रुपये दोगुना करने वाली मशीन में तब्दील हो चुकी थी.
खंडवा पुलिस ने यहां हरीगंज क्षेत्र में भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम से एक शातिर को मौके पर ही बदमाशी करते हुए पकड़ा. जब पूछताछ में मामला खुला तो पुलिस के भी होश उड़ गए कि इतनी हाई सिक्योरिटी वाली मशीन से कितनी आसानी से फ्रॉड किया जा रहा है.
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किस तरह से करते हैं एटीएम लूट
आजतक से बात करते हुए खंडवा के एसपी ललित गठरे ने बताया कि 'सिटी कोतवाली में धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज़ किया गया था. यह हरियाणा का एक गैंग है जो एटीएम मशीन में तकनीकी रुप से छेड़छाड़ करती है. जिसके जरिए वह बैंक और एटीएम संचालित करने वाली कंपनी को लगातार नुकसान पहुंचा रही थी.'
'इनका अपराध करने का तरीका यह है कि इनके पास एटीएम मशीन की एक चाबी होती है जिससे वे मॉनिटर के ऊपर का पैनल खोल सकते हैं. ये एटीएम कार्ड से पहले पैसा निकाल लेते हैं फिर पैनल खोलकर उसे सुपरवाइजरी मोड में डाल देते हैं. साथ ही वे कस्टमर केयर में कम्प्लेंट भी दर्ज करा देते कि उनके कार्ड से पैसा डिडक्ट हो गया है लेकिन मशीन से पैसा नहीं निकला.'
'इस तरह बैंक से उनके खातों में पुनः पैसा भी वापस डाल दिया जाता और दूसरी तरफ वे एटीएम से कैश भी ले उड़ते. इस तरह रिवर्सल पेमेंट से उन्हें दोगुना पैसा मिल जाता, जिसे 10 हजार रुपये के बदले उन्हें 20 हजार रुपये मिल जाते. इस तरह का काम गैंग ने दिल्ली, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और तेलांगना जैसे अनेक राज्यों में किया है.'
खंडवा से ही लूट क्यों
उन्होंने कहा कि खंडवा में ये दो दिन रहे और लाखों का ट्रांजेक्शन कर डाला. इनके पास से 90 अलग-अलग एटीएम कार्ड मिले हैं जो सभी हरियाणा के मेवात नूह जिले के हैं. इसके अलावा 9 अलग बैंकों के डेबिट कार्ड, एटीएम कार्ड ये लोग यूज कर रहे थे. एचडीएफसी, आईडीएफसी, आईआईसीआई, स्टेट बैंक और एक्सिस बैंक जैसे कई बैंकों के कार्ड इनके पास हैं.
इन एटीएम को सॉफ्टवेयर कंपनी एफएसएस सॉल्यूशन संचालित करती है, उसको एरर रिक्वेस्ट जाती है और उसी के आधार पर रिवर्ट अमाउंट मिलता है. इन आरोपियों के अकाउंट ऑथोराइज़्ड अकाउंट है और इनके आधार तथा एटीएम कार्ड भी सही है. इन्होंने अपने रिश्तेदारों के नाम पर अकाउंट खुलवा रखे हैं जिसके कार्ड इनके पास रहते हैं. इस तरह के अनेक गैंग देशभर में सक्रिय है. लेकिन पुलिस के हाथ यह पहला गैंग लगा है.
खंडवा एसपी ने बताया कि इनसे पूछताछ के आधार पर और भी गैंग्स का खुलासा संभव है. हम अभी बैंकों के रिवर्ट ट्रांसेक्शन जो एटीएम के माध्यम से हुए है उनकी भी जांच कर रहे हैं. खंडवा आने का इनका उद्देश्य सिर्फ इतना था कि यहां पूरे देश से रेलवे की कनेटिविटी अच्छी है और सभी प्रमुख बैंकों के एटीएम यहां उपलब्ध हैं. साथ ही इनके हेडऑफिस कहीं और होने से ये ट्रांजेक्शन पूरा होने के पहले यहां से जा सकते थे.
पुलिस ने इस मामले में मोहम्मद अंसार नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो हरियाणा के नूह जिला का रहने वाला है. इससे पूछताछ की तो इसके पास से 87 डेबिट कार्ड मिले हैं.