Morena Toll Plaza Jam: अपने वाहन से यात्रा करते समय आपको कई बार टोल टैक्स बैरियर पर फास्ट टैग होने के बावजूद परेशानी का सामना करना पड़ता है. क्योंकि अक्सर कई टोल टैक्स बैरियर पर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं और आप जाम में फंस जाते हैं. ऐसे में आप परेशान होने और इंतजार करने के अलावा कुछ नहीं कर पाते. लेकिन अगर ऐसे ही जाम में कोई वीआईपी फंस जाए तो क्या होता है? चलिए ये हम आपको बताते हैं.
मामला है मध्य प्रदेश के मुरैना जिले का. जहां एक टोल टैक्स बैरियर के मैनेजर समेत 6 कर्मचारियों को थाने की हवा खानी पड़ गई. टोल के स्टाफ को जेल भिजवाने वाला कोई और नहीं बल्कि मुरैना के कलेक्टर साहब थे. उनके कहने पर मुरैना के एसपी ने टोल प्लाजा के कर्मचारियों को पकड़वाकर थाने भिजवा दिया. उनके खिलाफ शांति भंग का मामला दर्ज किया गया है.
दरअसल ये पूरा मामला मंगलवार की रात का है. मुरैना के कलेक्टर अंकित अस्थाना रात को ग्वालियर से मुरैना जा रहे थे. मुरैना से कुछ दूर पहले छौंदा टोल प्लाजा है. जब कलेक्टर अंकित अस्थाना की गाड़ी वहां पहुंची तो दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी. एक-एक करके वाहन निकल रहे थे. इसी वजह से कलेक्टर की गाड़ी 10 मिनट से ज्यादा समय तक टोल प्लाजा के जाम में फंसी रही. यही बात कलेक्टर अंकित अस्थाना को नागवार गुजरी और उन्होंने तुरंत मुरैना के एसपी शैलेंद्र सिंह को फोन लगा दिया.
नतीजा ये हुआ कि मुरैना एसपी शैलेंद्र सिंह ने सिविल लाइन थाना पुलिस को टोल प्लाजा पर भेजा और टोल प्लाजा के मैनेजर समर्थ गर्ग समेत 6 कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस सभी गिरफ्तार कर्मचारियों को थाने ले गई. और उनके खिलाफ शांति भंग की धारा में एफआईआर भी दर्ज कर ली. बुधवार को मैनेजर समेत सभी कर्मचारियों को एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया.
इस बारे में जब आज तक की टीम ने टोल प्लाजा के मैनेजर समर्थ गर्ग से फोन पर बातचीत की तो समर्थ गर्ग ने बताया की मुरैना कलेक्टर की गाड़ी टोल प्लाजा से गुजर रही थी. वाहन अधिक होने की वजह से उनकी गाड़ी 10 मिनट तक टोल प्लाजा के जाम में फंसी रही और इसी वजह से उन्होंने पुलिस बुलवाकर उन्हें और उनके स्टाफ को हवालात में बंद करवा दिया.
समर्थ गर्ग से पूछा गया कि वीआईपी और अधिकारियों के निकलने के लिए कोई अलग से लाइन नहीं है, इस पर उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा पर वीआईपी और अधिकारियों के लिए अलग से कोई लाइन नहीं बनाई गई है.
इस बारे में जब सिविल लाइन थाने के टी आई वीरेश कुशवाहा से आज तक ने फोन पर बातचीत की तो वीरेश कुशवाहा ने बताया कि कलेक्टर अंकित अस्थाना जब टोल प्लाजा पर पहुंचे थे तो वहां टोल कर्मचारियों का एक ट्रक चालक से टोल टैक्स वसूलने को लेकर विवाद हो रहा था, यह विवाद देखकर कलेक्टर साहब ने पुलिस को सूचना दी थी जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और टोल कर्मचारियों को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ शांति भंग की धाराओं में एफआईआर दर्ज करते हुए उन्हें एसडीएम कोर्ट में पेश किया था जहां से उन्हें जमानत मिल गई थी.