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मुंबई: शादीशुदा आदमी का नाबालिग को गर्भवती करने के बाद शादी का ऑफर, मिली जमानत

मुंबई में लैंगिक अपराधों से बाल संरक्षण अधिनियम (POCSO) की एक विशेष अदालत ने 16 साल की एक नाबालिग के साथ बलात्कार और उसे गर्भवती करने के आरोप में गिरफ्तार 25 साल के एक शादीशुदा व्यक्ति को जमानत दे दी.

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शादीशुदा आदमी ने नाबालिग को गर्भवती करने के बाद रखा विवाह का प्रस्ताव, मिली जमानत (सांकेतिक फोटो)
शादीशुदा आदमी ने नाबालिग को गर्भवती करने के बाद रखा विवाह का प्रस्ताव, मिली जमानत (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पहले रद्द हो गई थी जमानत याचिका
  • आरोपी है पीड़िता के पिता का परिचित
  • पीड़िता की मां का रिहाई के समर्थन में हलफनामा

मुंबई में लैंगिक अपराधों से बाल संरक्षण अधिनियम (POCSO) की एक विशेष अदालत ने 16 साल की एक नाबालिग के साथ बलात्कार और उसे गर्भवती करने के आरोप में गिरफ्तार 25 साल के एक शादीशुदा व्यक्ति को जमानत दे दी. अदालत ने पाया कि दोनों के बीच संबंध ‘आपसी रजामंदी’ से बने और आरोपी व्यक्ति ने दो साल बाद लड़की के बालिग होने पर शादी का प्रस्ताव भी रखा है.

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पीड़िता की मां रिहाई के समर्थन में
अदालत ने यह आदेश पीड़िता की मां के आरोपी की रिहाई के समर्थन में हलफनामा दायर करने के बाद दिया. पीड़िता की मां ने अदालत से कहा कि वह चाहती है कि आरोपी व्यक्ति उसकी बेटी से शादी करे. उसकी बेटी ने उनके बच्चे को जन्म दिया है. आरोपी के वकील ने भी अदालत से कहा कि उनके समुदाय में आदमी को एक से अधिक शादी करने की अनुमति है. 

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पहले रद्द हो गई थी जमानत याचिका
आरोपी व्यक्ति ने यह दूसरी बार जमानत याचिका दायर की थी. अदालत पहले उसकी जमानत याचिका रद्द कर चुकी है. पुलिस ने आरोपी की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि आरोपी की पहली पत्नी ने दूसरी शादी के लिए रजामंदी दे दी है. आरोपी ने पहले नाबालिग को फंसाया जो इन सबको समझने में सक्षम नहीं है और अब वह शादी का प्रस्ताव रखकर इस स्थिति का लाभ उठाना चाहता है.

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आरोपी पीड़िता के पिता का परिचित
आरोपी व्यक्ति पीड़िता के पिता का परिचित है. पीड़िता ने अपने गर्भवती होने की बात सबसे छिपायी. उसने जब अपने गर्भवती होने की बात आरोपी को बतायी तो उसने किसी को भी पैदा होने वाले बच्चे के बाप का नाम बताने से मना करने के लिए पीड़िता को धमकाया. लेकिन गर्भावस्था में पेट का आकार बढ़ने के बाद नाबालिग ने बच्चे के पिता के तौर पर किसी और लड़के का नाम अपनी मां को बताया. इसके बाद परिवार ने खुद से जांच-पड़ताल की और आरोपी का नाम सामने आया. इसके बाद पीड़िता की मां ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और आरोपी को 23 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया.

क्या कहा अदालत ने
आदेश पारित करते वक्त जज ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपी की पहली शादी के बारे में इन लोगों को पता नहीं था. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद यह पाया गया कि नाबालिग और आरोपी दोनों एक-दूसरे से शादी करने की इच्छा रखते हैं, ऐसे में यह आपसी रजामंदी से बना संबंध है. ऐसे में आरोपी को जेल में रखने की कोई जरूरत नहीं है. मामले में जांच हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल हो चुका है. ऐसे में जमानत याचिका को रद्द करने का कोई कारण नहीं है.

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