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मुंबई क्रूज ड्रग्स केसः गोसावी बोला- NCB की रेड से पहले समीर वानखेड़े को नहीं जानता था, लोग मुझे गलत समझ रहे

पुणे पुलिस के वॉन्टेड अपराधी किरण गोसावी का कहना है कि एनसीबी ने उसे बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है. इसी काम को पूरा करने के लिए वह मुंबई जा रहा है. एनसीबी को बयान दर्ज कराने के बाद वह लौटकर पुणे आएगा और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करेगा.

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किरण गोसावी पहले लखनऊ में सरेंडर करने की बात कर रहा था
किरण गोसावी पहले लखनऊ में सरेंडर करने की बात कर रहा था
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गोसावी को पकड़ने के लिए यूपी गई थी पुणे पुलिस
  • पहले लखनऊ में सरेंडर करने की थी आशंका
  • लगातार पुलिस को चकमा दे रहा है गोसावी

मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) किरकिरी कराने वाले विवादित गवाह किरण गोसावी अब यूपी से निकलकर महाराष्ट्र पहुंच चुका है. पहले माना जा रहा था कि वह यूपी में सरेंडर कर देगा. उसकी आखिरी लोकेशन भी यूपी के फतेहपुर की थी. लेकिन बुधवार को वह पुणे में था. उसने कहा कि वह मुंबई में एनसीबी के ऑफिस जा रहा है. इसके बाद वह पुणे पुलिस के पास आकर सरेंडर कर देगा.

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पुणे पुलिस के वॉन्टेड अपराधी किरण गोसावी का कहना है कि एनसीबी ने उसे बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है. इसी काम को पूरा करने के लिए वह मुंबई जा रहा है. एनसीबी को बयान दर्ज कराने के बाद वह लौटकर पुणे आएगा और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करेगा.

किरण गोसावी ने आजतक को बताया कि जिस दिन रेड हुई थी, उसी दिन सैम डिसूजा से उसकी मुलाकात और बातचीत हुई थी. उसने कहा कि वो 2 अक्टूबर से पहले कभी भी एनसीबी के दफ्तर नहीं गया था और ना ही समीर वानखेड़े को पहले कभी मिला था. उसने उन्हें सिर्फ टीवी पर देखा था. 

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उसने NCB में जाने की वजह बताते हुए कहा कि वो इसलिए वहां गया था कि क्योंकि जहां पार्टी होने वाली थी, वो जगह NCB ऑफिस से सिर्फ 400 मीटर दूर है. उसने जब ऑनलाइन सर्च किया तो तब उसे एनसीबी ऑफिस का पता चला और वो वहां चला गया. गोसावी के अनुसार, मनीष भानुशाली को पार्टी के बारे में पहले से पता था. वो उस दिन मनीष के साथ था. इन दोनों ने एनसीबी को एक दिन पहले फोन किया था कि पार्टी होने वाली है. 

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एनसीबी की जानकरी में सिर्फ 4 से 5 नाम थे. लेकिन हमारी जानकारी के मुताबिक 27 लोग पार्टी में आने वाले थे. NCB को भी उनकी बात पर विश्वास था. गोसावी बोला- बहुत से लोग उसे गलत ही समझ रहे हैं. लेकिन जिनके घर में बच्चे ड्रग्स लेते हैं, उनके पैरेंट उसे अच्छा बोलेंगे. इस कारवाई के बाद मुंबई में ड्रग्स आना कुछ तो कम हुए ही हैं. किरण गोसावी बोला कि विटनेस पैसे के लिए काम नहीं करता. उसका इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस है. अगर विटनेस बनने में पैसा मिलता तो वह विटनेस का ही काम करता.

बता दें कि किरण गोसावी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी है. यह साल 2018 में धोखाधड़ी के मामले से संबंधित है. इससे पहले यूपी में किरण गोसावी ने आजतक की टीम से बात की थी और प्रभाकर सेल के आरोपो को नकार दिया था. उसने बताया था कि फोन पर उसे बोला गया कि तुम अरेस्ट भी हो जाओगे, तब भी तुमको हेल्प नहीं मिलेगी. तुम को छोड़ेंगे नहीं. पुलिस स्टेशन पर सरेंडर होने का भी कोई मतलब नहीं था. 

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किरण गोसावी का कहना था कि जो भी उसने लिख कर दिया है, वो सारी चीजें में वो कोर्ट में बोलेगा. उसने बताया कि पुणे में उसके खिलाफ एक केस चल रहा है. उसी केस में वह सरेंडर चाहता है. उसके मुताबिक यह 4 साल पुराना केस है. जिसे ओपन किया गया है. लेकिन फिर भी उसे कोई दिक्कत नहीं है. 

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किरण गोसावी का दावा है कि उसके बॉडीगार्ड रहे प्रभाकर सेल जो भी बातें की हैं, जिनमें पच्चीस करोड़ और कुछ फ्लाइट संबंधी बातें भी हैं. उसमें सच्चाई नहीं है. उसने कहा कि प्रभाकर का मोबाइल लोकेशन और उसका कॉल रिकॉर्ड चेक किया जाए. जो दलीलें उसने दी हैं. उसकी जांच की जानी चाहिए. 

 

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