महाराष्ट्र की एक अदालत ने चार साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में एक महिला को उसके पति के साथ 10 साल की सजा सुनाई है. मामला 2013 का है. यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) अदालत की जज रेखा एन पंधारे ने पाया कि पीड़िता छोटी बच्ची थी और आरोपी उसके दादा-दादी की उम्र का था.
पुलिस को दिए अपने बयान में बच्ची ने कहा था कि वह 4 सितंबर 2013 को स्कूल से वापस आने के बाद उसने खाना खाया और टीवी पर कार्टून देख रही थी. फिर दोपहर में एक दोस्त के साथ वह अपनी बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर गई. उसने कहा कि जब उसकी सहेली सो रही थी, तब वह घर लौटी थी, इस दौरान उसे दंपत्ति ने बुलाया, जिसे वह दादा-दादी कहती है.
बच्ची ने कहा कि जब वह दादा की ओर गई तो वह उसे उठाकर अपने घर के अंदर ले गए, उसने उसे एक झूले पर बैठाया. लड़की ने जब अपने आपको छुड़ाने की कोशिश की तो उसे थप्पड़ मारा गया. 4 वर्षीय लड़की के अनुसार जब महिला ने उसे पकड़ रखा था, तब पुरुष ने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया.
बच्ची ने कहा कि जब उसने दौड़ने की कोशिश की तो आदमी ने उसके चेहरे पर थूक दिया. लड़की ने कहा कि वह डर गई थी. उसने कपड़े पहने और घर भाग गई. लड़की की मां ने अपने बयान में कहा था कि जब वह घर लौटी, तब तकरीबन 10 बजे वह लड़की के पास गई, लड़की ने अपनी मां को बताया कि वह उसे कुछ बताना चाहती थी.
पूरी घटना सुनने के बाद मां ने तुरंत लड़की के निजी अंगों की जांच की और सूजन पाई. मां ने अपने पति को सूचित किया और तुरंत शिकायत दर्ज कराई. 80 के दशक के बुजुर्ग दंपति को अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया था.