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मुंबई: लोकल ट्रेन में नेत्रहीन महिला और नाबालिग से छेड़छाड़, कोर्ट ने दी ये सजा

नेत्रहीन महिला ने बताया कि शख्स ने गलत तरीके से उसके सीने को छुआ था. उसने अचानक एक हाथ महसूस किया तो उसने उसे पकड़ लिया और लगातार थप्पड़ जड़ना शुरू कर दिए. इसके बाद आस पास के लोगों ने शख्स को पकड़ा और थाने ले गए.

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Arrest
Arrest
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महिला ने हाथ पकड़ा और जड़े थप्पड़
  • नाबालिग भतीजी के साथ भी की थी बदतमीजी

मुंबई की एक विशेष अदालत ने लोकल ट्रेन में यात्रा करते समय एक नेत्रहीन महिला और उसकी नाबालिग भतीजी के सीने को छूने के लिए मुंबई के एक व्यक्ति को दोषी ठहराया और तीन साल जेल की सजा सुनाई. दोषी को 35,000 रुपये का जुर्माना भी देना होगा, जिसमें से कुछ हिस्सा पीड़ितों को दिया जाएगा.

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4 अगस्त, 2017 को, एक नेत्रहीन महिला और उसकी नाबालिग भतीजी नेशनल एसोसिएशन ऑफ द ब्लाइंड द्वारा आयोजित एक समारोह के लिए मुंबई के रे रोड की यात्रा कर रहे थे.  महिला 3 साल की उम्र से नेत्रहीन थी और उसके पास एक अटेंडेंट के साथ लोकल ट्रेन के विशेष डिब्बे में यात्रा करने का प्रमाण पत्र था.
 
नेत्रहीन महिला ने हाथ पकड़ा और जड़े थप्पड़

नाबालिग और नेत्रहीन महिला लोकल ट्रेन के विकलांग डिब्बे में यात्रा कर रहे थे और जैसे ही उनका स्टेशन आया, वे दरवाजे की ओर जाकर खड़े हो गए. अचानक लड़की ने देखा कि उसकी मौसी चिल्ला रही है और किसी को थप्पड़ मार रही है. मौसी ने नाबालिग को बताया कि एक शख्स ने गलत तरीके से  उसको छुआ था. उसने अचानक एक हाथ महसूस किया तो उसने उसे पकड़ लिया था. 

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नाबालिग भतीजी के साथ भी की थी गलत हरकत

इस पर 17 साल की नाबालिग ने भी बताया कि उसी आदमी ने गुजरते हुए उसकी छाती को भी छुआ था. उसने कहा कि उसने यह सोचकर इसे नजरअंदाज कर दिया था कि शायद यह ट्रेन में भीड़ के कारण गलती से हुआ हो. इसके डिब्बे में मौजूद अन्य लोगों ने आरोपी मोहसिन चौगुले को दबोच लिया और कुर्ला थाने ले गए. वहां के पुलिसकर्मियों ने आरोपी से पूछा कि क्या उसके पास ट्रेन के विकलांग डिब्बे में चढ़ने के लिए वैध विकलांगता प्रमाण पत्र है तो वह आरोपी के पास नहीं था.

दोषी के वकील ने की पीड़ितों के झूठा बनाने की कोशिश

33 वर्षीय चौगुले को गिरफ्तार कर लिया गया और जांच के तुरंत बाद पुलिस ने उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी. आरोपी के वकील ने यह कहकर पीड़ितों के झूठा बनाने की कोशिश की कि उनके पास ट्रेन का टिकट नहीं था और जिस समारोह में उन्हें आमंत्रित किया गया था, उसका निमंत्रण भी अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया था. हालांकि, विशेष न्यायाधीश एडी देव ने कहा कि महिला पहले ही बयान दे चुकी है कि एक फोन कॉल पर उसे निमंत्रण दिया गया था और आरोपी को पकड़ने के दौरान हुई हाथापाई में ट्रेन का टिकट खो गया था. जज ने कहा कि छोटी-छोटी विसंगतियों पर बेवजह जोर नहीं दिया जाना चाहिए.

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