scorecardresearch
 

मुंबई: पुलिस ने रेपिस्ट के लिए मांगी मौत की सजा, कोर्ट में रोने लगा दोषी

साकीनाका में महिला से रेप और हत्या के मामले में सुनवाई के दौरान पुलिस ने जब कोर्ट ने दोषी के लिए मौत की सजा की मांग की तो दोषी ने कोर्ट में ही गाली-गलौच शुरू कर दी. इसके बाद दोषी को कोर्ट से बाहर कर दिया गया.

Advertisement
X
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. -सांकेतिक तस्वीर
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. -सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सोमवार को कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया था
  • 10 सितंबर 2021 को साकीनाका में वारदात को दिया था अंजाम

मुंबई पुलिस ने 32 साल की महिला के साथ बलात्कार और फिर हत्या करने के दोषी के लिए मौत की सजा की मांग की है. दोषी ने 10 सितंबर 2021 को सुबह 3 बजे साकीनाका में महिला के साथ रेप किया था. इसके बाद महिला के प्राइवेट पार्ट में हथियार डालकर उसकी हत्या कर दी थी. पीड़िता और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद एडिशनल सेशन जज एचसी शेंडे ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.

Advertisement

दोषी 45 साल का मोहन चौहान पेशे से ड्राइवर है. बताया जा रहा है कि बुधवार को सुनवाई के दौरान दोषी बार-बार चिल्ला रहा था. उसने मामले के जांचकर्ताओं, पीड़ित पक्ष के वकीलों को गालियां भी दी, जिसके चलते कई बार सुनवाई बाधित हुई. फिर दोषी को कोर्ट से बाहर कर दिया गया. 

इस दौरान पब्लिक प्रॉसिक्यूटर महेश तुले ने कोर्ट के सामने दोषी चौहान के आचरण का उल्लेख करते हुए कहा कि सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि दोषी अपनी ओर से पश्चताप का कोई भाव नहीं दिखा रहा है. कोर्ट में उसका व्यवहार इसकी गवाही देता है.

सोमवार को कोर्ट ने दोषी को दोषी करार दिया था

बता दें कि स्पेशल जज ने सोमवार को चौहान को महिला से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी करार दिया था. दोषी के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए पब्लिक प्रोसिक्यूटर महेश मुले ने तर्क दिया कि रात के अंधेरे में असहाय, अकेली महिला पर यह भीषण शैतानी हमला है जिससे मुंबई जैसे महानगर में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति भय पैदा होता है. 

Advertisement

कोर्ट में रोने लगा दोषी, कहा- मुझे फंसाया गया है

कोर्ट ने दोषी चौहान से पूछा कि उसे क्या और कितनी सजा दी जाए तो वह रोने लगा और कहा कि मुझे मामले में फंसाया गया है. वहीं, दोषी चौहान की वकील कल्पना वास्कर ने तर्क दिया कि यह रेयर मामला नहीं है. रेप के बाद भी पीड़िता जिंदा था और घटना के बाद अगर उसे उचित इलाज मिलता तो वह जिंदा होती. 

कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष के वकील ने 37 गवाहों से पूछताछ की और सीसीटीवी फुटेज पर भरोसा किया. सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा था कि चौहान ने महिला के साथ मारपीट की थी और फिर उसे ऑटो की ओर खींच लिया था जहां उसने रेप की वारदात को अंजाम दिया था. रेप और हत्या के इस मामले में मुख्य गवाह एक चौकीदार था, जिसने महिला को घायल अवस्था में देखा था और पुलिस को सूचना दी थी.

प्रॉसिक्यूशन ने मेडिकल एवीडेंस पर भी भरोसा किया था जिसमें कहा गया था कि दोषी ने महिला के साथ मारपीट की जिससे महिला को गंभीर चोटें आईं थी. इसी कारण महिला की मौत हुई थी. पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा कि डॉक्टरों ने भी बयान दिया था कि डॉक्टरों ने भी बयान दिया था कि उन्होंने अपने करियर में इस तरह की बर्बरता नहीं देखी. 

Advertisement

मुले ने ये भी तर्क दिया कि मेडिकल एवीडेंस में ये जानकारी दी गई है कि महिला के प्राइवेट पार्ट में दोषी ने हथियार को बलपूर्वक डाला था. घाव के आकार ने आरोपी के इरादे को स्पष्ट कर दिया था.

ये थी पूरी वारदात 

मुंबई पुलिस के मुख्य नियंत्रण कक्ष में 10 सितंबर शुक्रवार तड़के 3.30 बजे एक कॉल आई थी कि मुंबई के साकी नाका इलाके में खैरानी रोड पर खून से लथपथ एक महिला बेहोश हालत में पड़ी है. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उसे घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल ले गई. जहां इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया था. इस संबंध में पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 और 307 के तहत मामला दर्ज किया था. लेकिन अब उसमें एससी एसटी अधिनियम की धारा भी जोड़ दी गई थी. 

इस खौफनाक वारदात के दौरान चौहान ने एक 32 वर्षीय महिला के साथ पहले बलात्कार किया गया और रेप के बाद उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी थी. महिला को बहुत गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया था. इस मामले में जानकारी होने के बाद पुलिस ने दबिश देकर मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. पहले पुलिस को ये आशंका भी थी कि इस वारदात में और भी आरोपी शामिल हो सकते हैं. महिला के साथ जिस तरह की दरिंदगी की गई, उसे देखकर दिल्ली के निर्भयाकांड की यादें ताजा हो गई थी. 

Advertisement

ये भी पढ़ें

 

Advertisement
Advertisement