scorecardresearch
 

अवैध संबंधों के चलते किया था 2 साल के मासूम बेटे का मर्डर, कातिल पिता जेल में, सह-आरोपी महिला को मिली जमानत

आरोपी रहमत अली ने अपने दोस्त से कहा था कि वो अपनी पत्नी से छुटकारा पाना चाहता है. इसी के अगले दिन लापता मासूम बच्चे की लाश एक बोरे में मिली. तब आरोपी के भाई किस्मत अली ने मुंबई के शाहूनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था.

Advertisement
X
बेटे की हत्या के जुर्म में आरोपी पिता जेल में बंद है
बेटे की हत्या के जुर्म में आरोपी पिता जेल में बंद है

बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक ऐसी महिला को जमानत दे दी, जिस पर इल्जाम है कि उसने पिछले साल मुंबई में अपने शादीशुदा प्रेमी को अपने 2 साल के बेटे को मारने के लिए उकसाया था. ताकि वे दोनों शादी कर सकें. उस वक्त उस शख्स ने अपने मासूम बेटे की हत्या कर दी थी. गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में सह-आरोपी 21 वर्षीय महिला की जमानत मंजूर कर ली.

Advertisement

न्यायमूर्ति एन.जे. जमादार की पीठ ने कहा कि वो युवती पिछले नौ महीने से सलाखों के पीछे थी और उसके खिलाफ एकमात्र सबूत आरोपी व्यक्ति का बयान था. जिसने कहा था कि उन दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था. और उकसाने पर ही उसने यह खौफनाक कदम उठाया था, न्यायमूर्ति जमादार ने कहा कि यह घिसी-पिटी बात है, सह-अभियुक्त का खुलासा बयान ठोस सबूत नहीं बनता है.

ये था पूरा मामला
बात 18 अप्रैल 2023 की है. आरोपी व्यक्ति रहमत अली अंसारी अपने बेटे और अपने भाई किस्मत अली के बच्चों को कुछ चॉकलेट दिलाने के लिए बाहर ले गया था. ऐसा करने के बाद, उसने अपने भाई किस्मत अली के बच्चों को घर जाने के लिए कहा, जबकि वो अपने बच्चे के साथ आगे चला गया था. बाद में जब उसकी पत्नी ने अपने बेटे के बारे में पूछने के लिए उसे फोन किया, तो रहमत अली अनजान बन गया.

Advertisement

इसके बाद रहमत ने अपनी पत्नी और परिवार के बाकी सदस्यों के साथ मिलकर बच्चे की तलाश शुरू कर दी. इसी दौरान एक दोस्त ने किस्मत अली को बताया कि रहमत अली ने उससे कहा था कि वो अपनी पत्नी से छुटकारा पाना चाहता है. इसी के अगले दिन लापता मासूम बच्चे की लाश एक बोरे में मिली. तब किस्मत अली ने मुंबई के शाहूनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया. 

एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस हरकत में आ गई और बच्चे के पिता रहमत अली को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में रहमत अली ने बताया कि उसने ये शैतानी कदम इसलिए उठाया क्योंकि वह 21 साल की उस महिला से शादी करना चाहता था, जिससे शादीशुदा होने के बावजूद उसका तीन साल से अफेयर चल रहा था. 

पुलिस के मुताबिक रहमत अली की थ्योरी यह थी कि अगर वह अपने बेटे को मार देगा तो उसकी पत्नी उसे छोड़ देगी और फिर वह उस महिला से शादी करेगा जिसे वह चाहता है. मगर वो कातिल पिता अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सका. 

अदालत में क्या हुआ?
इस वारदात में सह-आरोपी बनाई गई रहमत अली की 21 वर्षीय महिला की ओर वकील ओंकार चितले अदालत में पेश हुए. उन्होंने कोर्ट में कहा कि रहमत अली द्वारा दिए गए कथित बयान के आधार पर उस महिला को गलत तरीके से फंसाया गया था. चितले ने कहा कि 21 वर्षीय महिला और इस अपराध के बीच संबंध स्थापित करने के लिए कोई ठोस सामग्री नहीं है.

Advertisement

दूसरी ओर, अभियोजन पक्ष ने इस आधार पर जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि महिला भी इस हत्या के अपराध के लिए स्पष्ट रूप से उकसाने में शामिल थी और इसलिए वह जमानत या राहत की हकदार नहीं है.

दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति जमादार ने चितले के तर्क में दम पाया कि सह-अभियुक्त - रहमताली का बयान इस स्तर पर भी ध्यान देने योग्य नहीं है, मुकदमे में तो दूर की बात है. अदालत ने यह भी कहा कि जांच पूरी हो चुकी है और इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है.

Live TV

Advertisement
Advertisement