महाराष्ट्र में हुए टीकाकरण घोटाले (Vaccine Scam) में दूसरी FIR दर्ज हो गई है. यह FIR एक प्रोडक्शन हाउस कंपनी की तरफ से वर्सोवा में दर्ज करवाई गई है. FIR उन्हीं चार लोगों के खिलाफ है जिन्हें पहले ही कांदिवली पुलिस पकड़ चुकी है. दरअसल, इन लोगों का आरोप है कि इनको भी मुंबई की बड़ी सोसायटी (हीरानंदानी एस्टेट सोसायटी) के 390 लोगों की तरह फर्जी कोरोना टीका लगाया गया था.
वर्सोवा पुलिस ने यह FIR शनिवार को दर्ज की है. मैचबॉक्स पिक्चर्स कंपनी के करीब 150 कर्मचारियों और उनके परिवार वालों का आरोप है कि उनको कोरोना का फर्जी टीका लगाया गया था. इनको 29 मई को कथित रूप से कोविशील्ड का पहला टीका लगाया गया था. यह टीका भी उन्हीं लोगों ने लगाया था जो टीकाकरण फर्जीवाड़े में पकड़े जा चुके हैं. इनके खिलाफ यह एक्शन हीरानंदानी एस्टेट सोसायटी के लोगों की शिकायत के बाद लिया गया था.
वर्सोवा पुलिस की तरफ से बताया गया है कि FIR दर्ज कर ली गई है, चारों आरोपी वही हैं जिनको कांदिवली पुलिस पहले ही पकड़ चुकी है. कांदिवली पुलिस द्वारा पूछताछ पूरी होने के बाद वर्सोवा पुलिस उन्हें हिरासत में लेगी. इनमें से एक आरोपी मध्य प्रदेश के सतना से पकड़ा गया था. उसपर नकली वैक्सीन सप्लाई करने का आरोप है.
मुंबई में कोरोना का फर्जी टीका लगाने का दूसरा बड़ा मामला
मैचबॉक्स पिक्चर्स कंपनी की शिकायत के मुताबिक, टीका लगवाने के बाद लोगों को वैक्सीन सर्टिफिकेट नहीं दिए गए. आरोपियों ने तब तकनीकी खराबी का बहाना बनाया था. कहा गया कि एक हफ्ते बाद सर्टिफिकेट मिल जाएगा. हालांकि, ऐसा कुछ हुआ नहीं. टीका लगवाने वाले इसलिए चिंता में आ गए क्योंकि उनको टीकाकरण के बाद के कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए. जैसे बुखार आदि.
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वर्सोवा पुलिस ने धारा 268 (सार्वजनिक उपद्रव), 270 (घातक कार्य जिससे जीवन के लिए खतरनाक किसी भी बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना है), 274 (दवाओं में मिलावट), 275 (फर्जी दवा बेचने), 419 (धोखाधड़ी), 465 (फर्जीवाड़ा) आदि के तहत केस दर्ज किया है.