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UP: रुपयों के लालच में गला दबाकर हत्या... फिर लाश के किए 3 टुकड़े, मकान मालिक का ऐसे खुला राज

दिल्ली में श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है. इसी बीच दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी इसी तर्ज पर की गई अंकित की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. मकान मालिक ने रुपए के लालच में अपने किरायेदार की हत्या की खौफनाक वारदात को अंजाम दे दिया. पुलिस ने ऐसे किया घटना का खुलासा.

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मृतक (फाइल फोटो)
मृतक (फाइल फोटो)

गाजियाबाद के थाना मोदीनगर इलाके में रुपयों के लालच में हत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस वारदात को भी दिल्ली के श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड की तर्ज पर अंजाम दिया गया था. मोदी नगर के राधा कुंज इलाके में किराए पर रहने वाले पीएचडी स्कॉलर की मकान मालिक ने पहले गला दबाकर हत्या की. इसके बाद लाश के तीन टुकड़े करके अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया.

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अंकित खोकर मूल रूप से बागपत का रहने वाला था. वह माता-पिता की इकलौती संतान था. अंकित के माता-पिता की भी मौत हो चुकी है. वह लखनऊ से पीएचडी कर रहा था और गाजियाबाद में अकेला रहता था. उसने अपनी पैतृक जमीन बेची थी. इससे उसको करीब एक करोड़ रुपए मिले थे. 

मकान मालिक की नीयत हो गई थी खराब 

अंकित पिछले 8 साल से उमेश शर्मा के घर में किराए पर रहा था. उमेश की पत्नी को अंकित अपनी बहन मानता था. अंकित को उसके मकान मालिक पहले तो उमेश ने भरोसे में लेकर बिजनेस करने के लिए लाखों रुपए उधार लिए. इसके बाद उसकी नीयत बाकी के पैसों पर खराब हो गई.

उसने अंकित से उसके अकाउंट में जमा बाकी पैसों को हथियाने के लिए उमेश की हत्या करने का खौफनाक प्लान बनाया. पुलिस के मुताबिक, उमेश ने 6 अक्टूबर को बाजार से आरी और बड़ी पन्नी खरीदी. पहले अंकित को गला दबाकर मार दिया. इसके बाद उसके तीन टुकड़े करके शव को मुजफ्फरनगर की खतौली नहर ईस्टर्न पेरिफेरल-वे और मसूरी नहर में फेंक दिया.

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40 लाख ट्रांसफर किए और दोस्त को भेजकर निकलवाए रुपए 

इसके बाद उसके अकाउंट से 40 लाख रुपए ऑनलाइन अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए. साथ ही अंकित के मोबाइल, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड अपने पास रख लिया. इसके बाद उमेश ने अपने साथी प्रवेश को अंकित का डेबिट कार्ड देकर उत्तराखंड से पैसे निकालने के लिए भेज दिया. साथ ही हिदायत दी कि वह अपने साथ मोबाइल लेकर न जाए.

दोस्तों से मैसेज में हो रही थी बात, गलत स्पेलिंग से हुआ शक

इधर, दोस्त अंकित की कोई खोज खबर न पाकर परेशान हो रहे थे. वह काफी दिनों फोन नहीं उठा रहा था. अंकित केवल व्हाट्सएप मैसेज पर दोस्तों से बात कर रहा था. मैसेज में स्पेलिंग भी गलत लिखी जाती थी. इसके बाद दोस्तों को शक हुआ और उन्होंने मोदीनगर थाने में अंकित की गुमशुदगी दर्ज करवाई.

पुलिस ने जब जांच आगे बढ़ाई, तो अंकित के मकान मालिक उमेश पर शक गहराया. इसके बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो उमेश ने सारा मामला बता दिया. पुलिस अधिकारी भी इस संगीन हत्याकांड की वारदात के बारे में सुनकर हैरान हो गए. फिलहाल, पुलिस उमेश के खिलाफ सबूत जुटाकर सख्त कार्रवाई करने की बात कह रही है.

पुलिस की हिरासत में उमेश और उसके साथी प्रवेश

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मामले में गाजियाबाद रूरल के डीसीपी इरज राजा ने बताया, "अंकित के चार दोस्तों ने 12 दिसंबर को मोदीनगर थाने में आकर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से जांच की. पहला शक मकान मालिक उमेश पर गया."

राजा ने कहा कि "पुलिस ने उमेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की. उसने पुलिस को गुमराह करने की पूरी कोशिश की, लेकिन सख्ती करने पर टूट गया और जुर्म कबूल कर लिया. इसके बाद उसने हत्या की पूरी साजिश के बारे में बता दिया. उमेश और उसके साथी प्रवेश से अभी मामले के बारे में और पूछताछ की जा रही है."

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