छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया, जो 16 मामलों में वांछित था. इतना ही नहीं उसके सिर पर एक लाख रुपए का इनाम भी था. यह मुठभेड़ सुबह करीब साढ़े छह बजे पोलमपल्ली थाना क्षेत्र के बंजारपारा गांव के पास जंगल में हुई, जहां पुलिस कर्मियों की एक टीम नक्सल विरोधी अभियान पर थी.
यह पुलिस ऑपरेशन टोलनाई के जंगलों में 15-20 कैडरों के साथ माओवादियों की कोंटा एरिया कमेटी के सचिव वेट्टी मंगडू और एरिया कमांड-इन-चीफ हितेश सहित वरिष्ठ नक्सलियों की मौजूदगी के इनपुट के आधार पर शुक्रवार रात शुरू किया गया था. इस दौरान पुलिस को देखते ही नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जो 20 से 25 मिनट तक चली.
इसके बाद नक्सली घने जंगल में भाग गए. मुठभेड़ स्थल पर तलाशी के दौरान पुलिस टीम ने एक नक्सली का शव, एक लोडिंग बंदूक, एक टिफिन बम, तीन जिलेटिन की छड़ें, एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी), दो कॉर्डेक्स तार, एक माओवादी वर्दी और अन्य सामान बरामद किया. पुलिस नक्सली के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक नक्सली दूधी हुंगा (35) माओवादियों की कोंटा एरिया कमेटी में आरपीसी (रिवोल्यूशनरी पीपुल्स कमेटी) के मिलिशिया कमांडर के रूप में सक्रिय था. वो सुकमा जिले के तीन पुलिस स्टेशनों में दर्ज 16 मामलों में वांछित था. उसके सिर पर एक लाख रुपए का इनाम था. उसने पुलिस विरोधी कई अभियानों में भी हिस्सा लिया था.
इस घटना के साथ ही राज्य में इस साल अब तक सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में 105 नक्सली मारे जा चुके हैं. 10 मई को बीजापुर जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए, जबकि 30 अप्रैल को नारायणपुर और कांकेर जिलों की सीमा के पास एक जंगल में तीन महिलाओं सहित 10 को मार गिराया गया. 16 अप्रैल को कांकेर जिले में 29 नक्सली मारे गए थे.
बताते चलें कि कुछ दिन पहले ही बीजापुर जिले के गंगलूर पुलिस थाना क्षेत्र के पीडिया गांव के पास जंगल में 12 घंटे चले ऑपरेशन में सुरक्षाकर्मियों ने 12 नक्सलियों को मार गिराया था. मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ गोलीबारी के बाद कुछ नक्सली खुद को ग्रामीण बताने लगे. इसके साथ ही पुलिस को गुमराह करने के लिए सादे कपड़ों में आकर गांव वालों के बीच घुल मिल गए.
इस वजह से पुलिस ने इलाके से कई लोगों को हिरासत में लिया. बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया था कि मारे गए नक्सलियों में बुधु ओयम और कल्लू पुनेम सैन्य कंपनी नंबर के सदस्य थे. दोनों के सिर पर 8 लाख रुपए का इनाम था, जबकि गंगालूर एरिया कमेटी सदस्य लाखे कुंजाम और सैन्य कंपनी नंबर 12 के सदस्य भीमा करम के सिर पर 5-5 लाख रुपए का इनाम था.
पुलिस अधीक्षक ने कहा था कि अन्य मृतकों में मिलिशिया प्लाटून कमांडर सन्नू लाकोम और जनता सरकार (पीपुल्स गवर्नमेंट) के उपाध्यक्ष अवलम पर 2-2 लाख रुपए का इनाम था. छह अन्य नक्सली निचले स्तर के सदस्य थे. उन्होंने बताया कि कुछ माओवादियों ने तीन स्थानों पर घात लगाकर सुरक्षा बलों को घेरने की भी कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे.
एसपी ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान एक अनोखी बात पहली बार देखी गई. पुलिस से मुठभेड़ के बाद कुछ नक्सलियों ने बचने के लिए अपना यूनिफार्म निकाल दिया. उन्होंने गांव वालों से उनके कपड़े लेकर पहन लिए और पुलिस को गुमराह करने के लिए उनके साथ मिल गए. पुलिस को मुखबिरों से सूचना मिली थी कि कई बड़े इनामी नक्सली जंगल में मौजूद हैं.
इसके बाद बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और कोबरा कमांडो की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन शुरू किया. संयुक्त टीम और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुक्रवार सुबह छह बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक नियमित अंतराल पर चलता रहा. इस दौरान करीब 10 बार दोनों का आमना-सामना हुआ.
इस दौरान कई नक्सली मारे गए. तीन नक्सलियों को मौके से पकड़ लिया गया. मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किए गए हैं. इस गोलीबारी में एक नागरिक भी घायल हो गया. इसके साथ ही सुरक्षाकर्मियों ने पीडिया जंगल में माओवादियों द्वारा बनाये गए एक ट्रांजिट कैंप का भी भंडाफोड़ किया था. इस कैंप से बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए थे.