बीजापुर में सात दिनों बाद नक्सलियों ने सब इंजीनियर अजय रोशन लकड़ा को छोड़ दिया है. जब इंजीनियर की बुधवार को नक्सलियों ने रिहाई की तो उनके साथ, उनकी पत्नी अर्पिता लकड़ा भी मौजूद थीं. जब से अजय का अपहरण नक्सलियों ने किया था, तब से उनकी पत्नी लगातार उन्हें जंगलों में ढूंढ रहीं थी. उनके साथ मीडिया और उनके परिचित लोग भी मौजूद थे.
जब अजय रोशन लाकड़ा का अपहरण हुआ था, उनके साथ उनका चपरासी था, हालांकि नक्सलियों ने उन्हें छोड़ दिया था. लेकिन जब अजय वापस नहीं लौटे तो उनकी पत्नी अपने बच्चे को लेकर जंगल निकल पड़ी है. उनकी पत्नी ने नक्सलियों से अपील की थी कि वह उनके पति को सकुशल छोड़ दें. दरअसल, गोरना मनकेली नक्सलियों का क्षेत्र माना जाता है और इलाके में किसी भी सरकारी निर्माण का लगातार विरोध होता रहा है. यही कारण था कि अजय रोशन लकड़ा का अपहरण किया गया था.
क्या हुआ था घटना वाले दिन
सब इंजीनियर अजय रोशन लकड़ा बीजापुर के पीएमजीएसवाई में तैनात है. वह 11 नवम्बर को करी 1 बजे चपरासी लक्ष्मण के साथ परतागिरी गोरना मनकेली इलाके में सड़क निर्माण के काम को देखने थे. लेकिन दोनों वापस नहीं लौटे. इसके बाद विभाग के कर्मचारियों ने दोनों की काफी तलाश की, लेकिन उनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिली. इसके बाद गांव वालों ने विभाग के अधिकारियों को बताया कि कुछ लोग सब इंजीनियर और चपरासी को जंगल की ओर ले गए हैं. बाद में पता चला कि नक्सलियों ने दोनों का अपहरण कर लिया है.
पत्नी ने की मार्मिक अपील
जब अपहरण की बात सामने आई तो इंजीनियर का परिवार बुरी तरह घबरा गया. इसके बाद अर्पिता ने नक्सलियों से अपील भी की थी कि उनके पति को रिहा कर दें, ये भी कहा कि उनका 3 साल का बेटा है. वह अपने पापा को याद कर रहा है. अर्पिता ने अपनी अपील मे ये भी कहा था कि वो बहुत भले आदमी हैं. हालांकि तब नक्सलियों ने चपरासी लक्ष्मण परतागिरी को छोड़ दिया था.