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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: 20 दिसंबर तक न्यायिक से पुलिस हिरासत में भेजे गए 5 आरोपी

एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में गिरफ्तार पांच आरोपियों को मुंबई की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को 20 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने अदालत में कहा कि उन्हें फरार आरोपियों और अपराध में इस्तेमाल किए गए हथियारों के बारे में पूछताछ करने की जरूरत है.

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पांच आरोपियों को मुंबई की एक अदालत ने 20 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.
पांच आरोपियों को मुंबई की एक अदालत ने 20 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.

एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में गिरफ्तार पांच आरोपियों को मुंबई की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को 20 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने अदालत में कहा कि उन्हें फरार आरोपियों और अपराध में इस्तेमाल किए गए हथियारों के बारे में पूछताछ करने की जरूरत है. ऐसे में न्यायिक हिरासत में मौजूद इन पांचों आरोपियों की पुलिस हिरासत की जरूरत है.

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ये पांच आरोपी फरार आरोपी शुभमन लोनकर का भाई प्रवीण लोनकर, भागवत सिंह, अक्षदीप सिंह, सलमान वोहरा और सुमित वाघ हैं. पुलिस ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामलों की सुनवाई कर रही अदालत से प्रवीण लोनकर की हिरासत मांगी. पुलिस ने कहा कि उन्हें उसके फरार भाई के ठिकानों के बारे में उससे पूछताछ करने की जरूरत है. 

पुलिस ने कहा कि अन्य आरोपियों से हथियारों के स्रोत, आपूर्ति और मुंबई में 12 अक्टूबर को हुई हत्या से जुड़े वित्तीय पहलुओं के बारे में पूछताछ करने की जरूरत है. बचाव पक्ष के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि उनके मुवक्किलों की हिरासत मांगने का कोई नया आधार नहीं है. उन्होंने प्रवीण के लिए एक पर्सिस (कोर्ट में प्रस्तुत किया जाने वाला एक दस्तावेज) भी दाखिल किया.

इसमें कहा गया कि वो मकोका के तहत इकबालिया बयान देने को तैयार नहीं है. यह ध्यान देने योग्य है कि कड़े संगठित अपराध विरोधी कानून के तहत पुलिस के समक्ष दिए गए इकबालिया बयान अदालत में साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य हैं. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने पांचों आरोपियों को 20 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. इनको छोड़कर सभी आरोपी जेल में हैं.

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मुंबई क्राइम ब्रांच ने 30 नवंबर को सभी 26 आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के कड़े प्रावधान लागू किए थे. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मकोका के तहत पुलिस के समक्ष दिए गए बयान अदालत में सबूत के तौर पर स्वीकार्य हैं. मकोका के तहत किसी आरोपी के लिए जमानत लेना भी मुश्किल होता है. इस मामले तीन आरोपी अभी वांछित हैं. 

12 अक्टूबर को बाबा सिद्दीकी को मुंबई के बांद्रा ईस्ट में उनके बेटे जीशान के दफ्तर के बाहर 3 हमलावरों ने हत्या कर दी. इसके बाद दो शूटरों धर्मराज कश्यप और गुरमसिंह को क्राइम सीन से ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. मुख्य शूटर शिव कुमार गौतम (20) भागने में कामयाब रहा था. उसे यूपी एसटीएफ और मुंबई क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने बहराइच से गिरफ्तार किया था. 

मुख्य शूटर शिव कुमार ने पुलिस हिरासत में कई बड़े खुलासे किए. उसने बताया कि वो और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं. वो पुणे में स्क्रैप का काम करता था. शुभम लोनकर और उसकी दुकान आसपास थी. शुभम लॉरेंस के लिए काम करता है. उसने स्नैप चैट के जरिए अनमोल से बात कराई थी. उसने बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए 10 लाख रुपए देने का वादा किया था.

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