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NEET में हुआ फेल, तो गले में आला लटकाए अस्पताल पहुंच गया युवक, ऐसे खुली फर्जी डॉक्टर की पोल

देश की राजधानी दिल्ली में स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में खुद को डॉक्टर बताकर घूमने के आरोप में 24 वर्षीय एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम आशुतोष त्रिपाठी है, जो कि बुराड़ी का रहने वाला है. मंगलवार को उसे अस्पताल के इमरजेंसी से पकड़ा गया है. उस वक्त वो स्टेथोस्कोप लगाए घूम रहा था.

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दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में फर्जी डॉक्टर हुआ गिरफ्तार...
दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में फर्जी डॉक्टर हुआ गिरफ्तार...

फर्जी डिग्री लेकर अस्पतालों में प्रैक्टिस करने वाले ठगों के बारे में खूब पढ़ा और सुना गया है. लेकिन नीट की परीक्षा में फेल होने के बाद शौकिया अस्पताल में आला (स्टेथोस्कोप) लटकाए घूमने वाले शख्स के बारे में विरले ही सुना गया होगा. लेकिन ऐसा एक हैरतअंगेज मामला देश की राजधानी दिल्ली में सामने आया है. यहां के प्रतिष्ठित राम मनोहर लोहिया अस्पताल से एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया गया है, जो कि आला लटकाए और बैग में डॉक्टर का कोट लिए इमरजेंसी वॉर्ड में घूम रहा था.

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इसी बीच एक सीनियर डॉक्टर को उसकी बॉडी लैंग्वेज देखकर शक हुआ. उन्होंने उसे रोककर पूछताछ की तो कहने लगा कि वो डॉक्टर है. जब उससे उसका डिपार्टमेंट पूछा गया तो वो सकपका गया और खुद को मेडिकल स्टूडेंट बताने लगा. इसके बावजूद जब अस्पताल प्रबंधन को उस पर भरोसा नहीं हुआ तो तत्काल पुलिस को सूचित किया गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब कड़ाई दिखाई तो उसने अपनी असली कहानी बयां कर दी. उसकी हैरतअंगेज कहानी को सुनकर वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया.

पुलिस के मुताबिक, दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में खुद को डॉक्टर बताने के आरोप में पकड़े गए युवक का नाम आशुतोष त्रिपाठी (24) है. वो पूर्वी दिल्ली के बुराड़ी का रहने वाला है. सर्जरी विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर राहुल धमीजा द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर नॉर्थ एवेन्यू पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 170 (एक लोक सेवक का रूप धारण करना) के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस हिरासत में उसने पूछताछ के दौरान कई खुलासे किए हैं.

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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी आशुतोष त्रिपाठी ने पूछताछ के दौरान पहले खुद को एक डॉक्टर और बाद में एक मेडिकल छात्र के रूप में पेश किया. लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वो मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट की तैयारी कर रहा था. पिछले साल परीक्षा दी थी, लेकिन सफल नहीं हो सका. उसे डॉक्टर का एप्रन पहनना और स्टेथोस्कोप लगाना पसंद है. उसने इसलिए ऐसा किया था. हालांकि, वो ये बताने में असफल रहा कि उसने ये सारी वस्तुओं कहां से खरीदी हैं.

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पुलिस को शक है कि वो चोरी के इरादे से अस्पताल में दाखिल हुआ था. लेकिन अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि, उसने पुलिस को यह भी बताया कि उसके एक दोस्त ने उसे अस्पताल में मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन उसके दावों की अभी पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस हर एंगल से इस मामले की जांच कर रही है. क्योंकि यदि चोरी करने के उद्देश्य की पुष्टि हुई तो ये गंभीर मसला बन सकता है. हो सकता है कि ऐसा कोई गैंग अस्पताल में सक्रिय हो, जो कि फर्जी डॉक्टर बन लोगों को ठगता हो.

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बताते चलें कि पिछले साल नवंबर में दिल्ली के पॉश इलाके ग्रेटर कैलाश में एक फर्जी क्लीनिक का खुलासा हुआ था. इसके बारे में एक 45 वर्षीय मरीज की मौत के बाद पता चला था. इस मामले में पुलिस ने चार फर्जी डॉक्टरों नीरज अग्रवाल, उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल, जसप्रीत और ओटी टेक्निशियन महेंद्र को गिरफ्तार किया था. निजी नर्सिंग होम में बिना डिग्री वाले डॉक्टर गॉल ब्लैडर के मरीजों का ऑपरेशन कर रहे थे. एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने जमकर हंगामा किया और थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.

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