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NIA ने फेक करेंसी रैकेट का किया पर्दाफाश, चार राज्यों में कार्रवाई के दौरान नकली नोटों की बड़ी खेप बरामद

Fake Indian Currency: एनआईए ने फेक इंडियन करेंसी बनाने और उसे सर्कुलेट करने वाले रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार और महाराष्ट्र में हुई छापेमारी के दौरान इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. इस दौरान बड़ी संख्या में नकली नोट, करेंसी प्रिंटिंग पेपर, प्रिंटर और डिजिटल गैजेट जब्त किए गए हैं.

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एनआईए ने फेक इंडियन करेंसी बनाने और उसे सर्कुलेट करने वाले रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है.
एनआईए ने फेक इंडियन करेंसी बनाने और उसे सर्कुलेट करने वाले रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे फेक इंडियन करेंसी नोट (एफआईसीएन) रैकेट का भंडाफोड़ किया है. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार और महाराष्ट्र में हुई छापेमारी में नकली नोट, करेंसी प्रिंटिंग पेपर, प्रिंटर और डिजिटल गैजेट जब्त किए गए हैं. यह छापेमारी 24 नवंबर 2023 को आईपीसी की धारा 120बी, 489बी, 489सी और 489डी के तहत दर्ज एक केस (आरसी-02/2023/एनआईए/बीएलआर) की जांच के तहत की गई है. 

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यह केस सीमा पार एफआईसीएन की तस्करी और भारत के विभिन्न राज्यों में इसके प्रसार को बढ़ावा देने के लिए संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा रची गई एक बड़ी साजिश से संबंधित है. एनआईए लंबे समय से फेक करेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने में लगी है.

जानकारी के मुताबिक, एनआईए की टीमों ने महाराष्ट्र के कोहलापुर जिले में आरोपी राहुल तानाजी पाटिल उर्फ जावेद, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में विवेक ठाकुर उर्फ आदित्य सिंह, कर्नाटक के बल्लारी जिले में महेंद्र, महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में शिवा पाटिल उर्फ भीमराव और बिहार के रोहतास जिले में शशि भूषण के परिसरों पर छापेमारी की है. इस दौरान बड़ी संख्या में फेक करेंसी यानी एफआईसीएन की जब्ती की गई है. 

विवेक ठाकुर के घर से 6600 रुपए (500, 200 और 100 रुपए के नकली नोट) के साथ छपाई के कागजात बरामद किए गए हैं. विवेक ठाकुर अपनी पूरी गैंग के साथ भारत में प्रचलन के लिए सीमावर्ती देशों से नकली नोट और इसकी छपाई का सामान खरीदता था.

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इसी साल मई में एनआईए ने मुंबई में छह जगहों पर छापेमारी करके फेक करेंसी जब्त की थी. इस दौरान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सिंडिकेट डी कंपनी के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. साल 2021 में एक छापेमारी के दौरान फेक करेंसी बनाने और उसे सर्कुलेट करने में डी कंपनी की भूमिका पाई गई थी. इसके बाद से ही एनआईए अलर्ट है. डी कंपनी के ठिकानों पर लगातार छापेमारी की कार्रवाई की जाती है.

एनआईए की इस छापेमारी में धारदार हथियार, डिजिटल गैजेट और अहम डॉक्युमेंट्स बरामद किए गए थे. एनआईए ने कहा था कि छापेमारी के दौरान जो भी समान बरामद हुआ है उससे यह स्पष्ट होता है कि फेक करेंसी रैकेट के साथ डी कंपनी का सीधा संबंध है.

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