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Nithari Serial Killing Case: सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के खिलाफ याचिका, 3 अप्रैल को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वो साल 2006 के निठारी सीरियल हत्याकांड मामले में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 3 अप्रैल को सुनवाई करेगा. कोर्ट ने पिछले साल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर याचिकाओं की जांच करने पर सहमति जताई है.

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साल 2006 के निठारी सीरियल हत्याकांड मामले में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने को चुनौती.
साल 2006 के निठारी सीरियल हत्याकांड मामले में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने को चुनौती.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वो साल 2006 के निठारी सीरियल हत्याकांड मामले में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 3 अप्रैल को सुनवाई करेगा. कोर्ट ने पिछले साल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर याचिकाओं की जांच करने पर सहमति जताई है. इसमें 16 अक्टूबर, 2023 को कोली को बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई है.

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न्यायमूर्ति बी आर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष मंगलवार को याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया. इस मामले में पेश हुए वकीलों में से एक ने पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और अनुरोध किया कि याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई की जाए. इसे जघन्य कांड बताते हुए वकील ने कहा कि निठारी में करीब दो साल से बच्चे लापता हो रहे थे और बाद में पुलिस को कई बच्चों के कंकाल मिले.

वकील ने कहा कि सुरेंद्र कोली को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था. उसे करीब 60 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखा गया था. पीठ ने कहा इस मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी. सुरेंद्र कोली के वकील ने पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसके खिलाफ सबूत एक इकबालिया बयान है, जो मामले में उसकी पुलिस हिरासत के कई दिनों बाद दर्ज किया गया था. सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. 

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इस केस में सुरेंद्र कोली को निचली अदालत ने 28 सितंबर, 2010 को मौत की सजा सुनाई थी. उसके साथ मोनिंदर सिंह पंढेर पर बच्चों के साथ बलात्कार और हत्या का आरोप है. हाईकोर्ट ने उन्हें मृत्युदंड मामले में बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष उनके अपराध को साबित करने में विफल रहा है. सुरेंद्र कोली को 12 मामलों में और पंढेर को दो मामलों में दी गई मौत की सजा को पलटते हुए हाईकोर्ट ने जांच अधूरी बताया. 

हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर द्वारा दायर कई अपीलों को स्वीकार कर लिया था. उन्होंने सीबीआई कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा को चुनौती दी थी. साल 2007 में दोनों के खिलाफ कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे. सीबीआई ने सबूतों के अभाव में तीन मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी. सुरेंद्र कोली को 16 मामलों में से तीन में बरी कर दिया गया. एक मामले में मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया.

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