ओडिशा के भद्रक में स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती एक शख्स की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है. तो वहीं, नशा मुक्ति केंद्र वालों का कहना है कि शख्स को निमोनिया हो गया था. इस कारण उसकी मौत हो गई. फिलहाल, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जाजपुर जिले के रहने वाले 38 साल के केदारनाथ परिदा को नशे की लत थी. इस कारण 4 जनवरी को उसे भद्रक के नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करवाया गया था. बुधवार को केदार के परिजनों को सूचित किया गया कि उसकी मौत हो गई है. परिजन तुरंत उस अस्पताल में जा पहुंचे जहां केदार को नशा मुक्ति केंद्र वाले ले गए थे.
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परिजनों की मानें तो सेंटर वालों ने उन्हें कहा था कि केदार की मौत निमोनिया से हुई है. लेकिन जब परिजनों ने केदार का शव देखा तो उन्हें उसके शरीर पर चोट के कई निशान दिखे. जिस कारण उन्हें शक हुआ कि सेंटर वाले कहीं न कहीं झूठ बोल रहे हैं. मृतक के परिजन तुरंत नजदीकी थाने पहुंचे. वहां उन्होंने नशा मुक्ति केंद्र वालों पर केदार की हत्या का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि केदार के साथ कुछ तो गलत हुआ है. उसे निमोनिया नहीं था. बल्कि, सेंटर वाले झूठ कह रहे हैं. केदार की हत्या की गई है. उसके शरीर पर चोट के निशान इस बात की गवाही दे रहे हैं. पुलिस ने मृतक के परिजनों की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है.
धामनगर पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक फनींद्र भूषण नायक ने कहा कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पता चलेगा. तब तक सभी से पूछताछ की जा रही है.