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Odisha News: पिता ने हाथ-पैर बांधकर चिलचिलाती धूप में छोड़ा, तड़प-तड़प कर बेटे ने तोड़ा दम!

Odisha News: ओडिशा के क्योंझर जिले में पिता ने बेटे के हाथ-पैर बांधकर कड़ी धूप में छोड़ दिया. इससे भीषण गर्मी में बेटे की मौत हो गई. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना का जायजा लिया.

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पिता ने हाथ-पैर बांधकर धूप में छोड़ा. (Representational image)
पिता ने हाथ-पैर बांधकर धूप में छोड़ा. (Representational image)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ओडिशा के क्योंझर जिले की घटना
  • मेडिकल रिपोर्ट का ​इंतजार कर रही पुलिस

Odisha News: ओडिशा के क्योंझर जिले में एक व्यक्ति ने अपने बेटे के हाथ पैर बांधकर धूप में छोड़ दिया. चिलचिलाती धूप में बेटे की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि मृतक अपनी पत्नी और मां के साथ मारपीट कर पिता से झगड़ा कर रहा था, जिसकी वजह से गुस्से में आकर पिता ने उसके हाथ-पैर बांधकर धूप में डाल दिया. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

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जानकारी के अनुसार, यह घटना क्योंझर जिले के घाटगांव प्रखंड के सनमासिनबिला गांव की है. मृतक की पहचान 70 वर्षीय पनुआ नायक के पुत्र 40 वर्षीय सुमंत नायक के रूप में हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, मृतक सुमंत का अपनी पत्नी और मां के साथ विवाद चल रहा था. सुमंत ने उनके साथ मारपीट भी की थी. मां और पत्नी के साथ मारपीट करने के बाद वह अपने पिता की दुकान पर गया और पिता के साथ भी बहस की. इस दौरान सुमंत के पिता पनुआ गुस्से में आ गए.

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रविवार को पनुआ ने बेटे सुमंत के हाथ-पैर बांध दिए और चिलचिलाती धूप में दोपहर 2 बजे उसे बाहर छोड़ दिया, जिसकी वजह से धूप में उसकी मौत हो गई. इस मामले की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना का जायजा लिया. मौत की पुष्टि के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा. इंडिया टुडे से बात करते हुए घाटगांव पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर तपन जेना ने कहा कि इस मामले की जांच जारी है. मौत के सही कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. हम मृतक के पिता के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से पहले रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.

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धूप में मौत के मामले को लेकर क्या कहते हैं डॉक्टर?

सुम अल्टीमेट हॉस्पिटल के सीनियर मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. श्रीकांत धर ने कहा कि जब बाहरी तापमान 40 डिग्री को पार कर जाता है, तो मानव मस्तिष्क में हाइपरथर्मिया सेंटर होता है, जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है. हमारे शरीर के भीतर का तापमान 37 डिग्री होता है. जब तक शरीर का तापमान 100 डिग्री फ़ारेनहाइट के भीतर न हो, तब तक शरीर के metabolism में कोई समस्या नहीं होती है. शरीर का तापमान 104 फारेनहाइट से ऊपर हो जाने के बाद हाइपरथर्मिया शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में असमर्थ होता है, जिसकी वजह से हीटस्ट्रोक होता है. डॉक्टर ने कहा कि ऑर्गन फेल्योर की वजह से व्यक्ति की मौत हो सकती है.

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