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MP: 'कदमों में गिरकर वो रोती-बिलखती रही...' प्रशासन ने एक ना सुनी, गलत घर पर चला दिया बुलडोजर

MP News: रोते-बिलखते हुए बुजुर्ग महिला तहसीलदार के पैरों में गिर गई. वह कहती रही कि यह कोई अपराधी का घर नहीं है. लेकिन तहसीलदार ने महिला की एक ना सुनी और उसके घर पर बुलडोजर चलवा दिया.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बुलडोजर चलाने में दिखाई जल्दबाजी
  • गलत घर पर चलवा दिया बुलडोजर

Madhya Pradesh News: उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अपराधियों के हौसले पस्त करने के लिए मध्य प्रदेश में भी बुलडोजर की मुहिम जारी है. लेकिन कटनी में प्रशासन ने अपराधी का घर तोड़ने की इतनी जल्दबाजी दिखाई कि अपराधी की जगह उसकी बुजुर्ग महिला रिश्तेदार के घर पर बुलडोजर चलवा दिया. 

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प्रशासन की ओर से पहले तो पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज होने का बताया गया. लेकिन मीडिया की ओर से घेरे जाने पर नक्शा मंजूर ना होने की बात कही गई. जब उन्हें बताया गया कि जिसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट का मामला दर्ज है, जिसके नाम पर नोटिस जारी किया गया है. वह यहां नहीं रहता. दूसरे के मकान पर बुलडोजर चल रहा है तो मीडिया पर ही भड़कते नजर आए. बुलडोजर कार्रवाई के नाम पर जांच पड़ताल के बिना ही प्रशासन की एकतरफा मनमानी नजर आ रही है.

जिला प्रशासन, नगर निगम के अधिकारी और पुलिस की टीम बुलडोजर लेकर बुधवार को अचानक आधारकाप के सावरकर वॉर्ड जा पहुंची. मौके पर टीम ने निराशा बाई नामक बुजुर्ग महिला के घर पर पहुंच कर अचानक घर का समान बाहर फेंकना शुरू कर दिया.

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रोती-बिलखती हुई बुजर्ग महिला तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव के पैरों में गिर गई. वह कहती रही कि यह कोई अपराधी का घर नहीं है. इस घर के सभी कागजात उसके नाम पर है. इस घर में कोई भी रवि निषाद नामक अपराधी नहीं रहता है. लेकिन तहसीलदार, एसडीएम और निगम प्रशासन बुजर्ग महिला निराशा बाई की एक ना सुनी. प्रशासन ने उसे जबरन घर से बाहर निकाला और फिर उसके घर का पूरा समान बाहर फेंक दिया. घर पर बुलडोजर चला घर को जमीदोज कर दिया गया.

पीड़ित निराशा बाई ने आरोप लगाते हुए बताया कि मंगलवार रात नगर निगम के लोग की ओर से उनके पड़ोसियों को रवि निषाद के नाम एक नोटिस दिया था. सुबह होते ही उनके घर एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस बल के साथ नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता बुलडोजर लेकर पहुंच गया और उसे घर से जबरन बाहर निकाल उसके घर का पूरा सामान बाहर फेंक घर पर बुलडोजर चला जमीदोज कर दिया. 

पीड़ित निराशा बाई तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव से गुजारिश करती रही कि जिस घर को वह तोड़ रहे हैं. वह घर रवि निषाद का नहीं है. रवि निषाद उनका पोता है. वह अपने माता-पिता के साथ किसी अन्य जगह में निवास करता है.

निराशा बाई ने यह भी बताया कि वह तहसीलदार के कदमों में गिर कर कई बार गुजारिश करती रही कि वह घर के कागज देख लें कि यह घर अपराधी रवि निषाद का नहीं है. इस घर पर मालिकाना हक उसके नाम पर है लेकिन अधिकारियों ने एक ना सुनी और घर को बुलडोजर चला जमींदोज कर दिया.

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मामले में जब एडीएम प्रिया चंद्रावत से मीडिया ने पूछा कि यह कार्रवाई किन आधारों पर को गई है तो वह पहले यह कहती रहीं कि यह घर रवि निषाद का है. रवि के खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज हैं, जिस वजह से घर पर बुलडोजर चलाया गया है. 

वहीं, जब मीडिया कर्मियों ने दूसरा सवाल एसडीएम से किया कि जो घर तोड़ा गया है, उस घर के कागजात यह बता रहे हैं कि यह घर अपराधी रवि निषाद का नहीं है. इस पर वह बोलीं कि इस घर का नक्शा पास नहीं था इसलिए घर तोड़ा गया.

साथ ही बगल में खड़े तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव मीडियाकर्मियों पर ही सवाल करने को लेकर भड़क गए. वह यह कहते रहे कि जो भी कार्रवाई हो रही है. उसके बारे में नगर निगम प्रशासन से पूछें.

(अमर ताम्रकार की रिपोर्ट)

 

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