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Chhattisgarh: घर में घुसकर बुजुर्ग भाई-बहन की हत्या, खून से लथपथ मिले शव

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में सोमवार को 72 वर्षीय व्यक्ति और उसकी बहन की उनके घर में हत्या कर दी गई. ये घटना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई है. इसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

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 72 वर्षीय व्यक्ति और उसकी बहन की उनके घर में हत्या कर दी गई
72 वर्षीय व्यक्ति और उसकी बहन की उनके घर में हत्या कर दी गई

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में सोमवार को 72 वर्षीय व्यक्ति और उसकी बहन की उनके घर में हत्या कर दी गई. ये घटना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई है. इसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस केस दर्ज करके मामले की जांच कर रही है.

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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक का नाम सीताराम जायसवाल और अन्नपूर्णा है. दोनों घर में अकेले रहते थे. अपराध का पता तब चला जब एक रिश्तेदार वहां पहुंचा और उसने घर को अंदर से बंद पाया. जब बार-बार दरवाजा खटखटाने पर भी कोई जवाब नहीं मिला, तो रिश्तेदार ने पड़ोसियों को सूचित किया.

इसके बाद लोग घर का दरवाजा तोड़कर अंदर पहुचे तो सीताराम का शव कमरे के अंदर पड़ा मिला, जबकि उसकी बहन घर के आंगन में मृत पाई गई. उन दोनों के सिर पर किसी ठोस चीज से वार किया गया था. पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. घर से लूटपाट का कोई सबूत नहीं मिला है.

बताते चलें कि कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस तीहरे हत्याकांड की वजह से पूरे सूबे में सनसनी फैल गई थी. इस हत्याकांड को संपत्ति विवाद में अंजाम दिया गया था. आज तक के जिला रिपोर्टर संतोष कुमार टोप्पो का परिवार है.

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इस मामले में अब तक कुल 19 गिरफ्तारियां हुई हैं. सूरजपुर के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मृतकों का प्रतापपुर जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया. मृतकों में पत्रकार संतोष के माता-पिता और भाई शामिल हैं. ये वारदात जगन्नाथपुर के खरगवा थाना क्षेत्र में उस वक्त हुई जब मृतक खेत में काम कर रहे थे.

पत्रकार संतोष के माता-पिता, माघे टोप्पो (57), बसंती टोप्पो (55), उनके भाई नरेश टोप्पो (30) और उमेश टोप्पो अपने खेत में काम कर रहे थे. दोपहर को संतोष के चाचा के परिवार के छह-सात सदस्य खेत में पहुंचे और झगड़ा करने लगे. देखते-देखते यह बहस मारपीट और फिर खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया. 

हमलावरों ने परिजनों पर कुल्हाड़ियों और लाठियों से हमला कर दिया. बसंती और नरेश के सिर में गंभीर चोटें आईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि माघे गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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