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केरल: अपहरण के 21 घंटे बाद 6 वर्षीय बच्ची बरामद, पूरे सूबे में सनसनी, सीएम को देना पड़ा जवाब

केरल के कोल्लम में एक 6 वर्षीय बच्ची के अगवा होने के बाद पूरे सूबे में सनसनी फैल गई. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के सख्त निर्देशक के बावजूद पुलिस बच्ची का पता नहीं कर सकी, लेकिन वो एक आश्रम के मैदान लावारिश हालत में बरामद की गई. अपहरणकर्ताओं ने उसे रिहा करने के लिए 10 लाख की फिरौती मांगी थी.

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केरल में एक 6 वर्षीय बच्ची के अगवा होने के बाद पूरे सूबे में सनसनी फैल गई.
केरल में एक 6 वर्षीय बच्ची के अगवा होने के बाद पूरे सूबे में सनसनी फैल गई.

केरल के कोल्लम में अगवा हुई एक छह वर्षीय बच्ची को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है. इस बच्ची के अगवा होने के बाद पूरे सूबे में सनसनी फैल गई थी. यहां तक कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने खुद पहल करते हुए पुलिस को निर्देश दिया था कि बच्ची को जल्द से जल्द बरामद किया जाए. इस मामले को लेकर विपक्ष भी आक्रोशित था. लेकिन बच्ची के मिलने के बाद उसके परिजनों सहित हर किसी ने राहत की सांस ली है. 

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जानकारी के मुताबिक, छह वर्षीय बच्ची को अगवा करके अपहरणकर्ताओं ने 5 लाख रुपए की फिरौती की मांग की थी. इसके साथ ही पुलिस को सूचना नहीं देने की हिदायत थी, लेकिन इस मामले को मीडिया ने बहुत हाइप कर दिया था. इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की रकम बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी. इधर पुलिस लगातार बच्ची की तलाश में लगी हुई थी. मंगलवार दोपहर को एक कॉलेज की छात्राओं ने उस बच्ची को कोल्लम के आश्रम के मैदान में लावारिस पाया है.

पुलिस को तुरंत सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को बरामद करने के बाद मेडिकल जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. पुलिस ने कहा कि उसने अपहरणकर्ताओं का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के प्रयास तेज कर दिए हैं. मैदान में बच्ची को अकेला पाने वाले कॉलेज छात्रों ने बताया कि जब वे वहां पहुंचे तो उन्होंने एक महिला को नाबालिग लड़की के साथ बैठे देखा. वो लोग जैसे ही पास में पहुंचे वो महिला वहां से भाग गई. उसने चेहरे पर मास्क पहना हुआ था.

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कॉलेज के छात्रों ने बताया, ''बच्ची ने भी मास्क पहना हुआ था. जब हमने उसके चेहरे से मास्क हटाने के लिए कहा और अपहृत लड़की के बारे में प्रसारित तस्वीरों से उसकी तुलना की, तो हमने उसे पहचान लिया. हमने तुरंत पास बैठे एक शख्स को सूचित किया और उन्होंने पुलिस को बुला लिया.'' जिस ऑटोरिक्शा चालक ने उस बच्ची और उसके साथ मौजूद महिला को मैदान में छोड़ा था, उसने कहा कि उसे लगा कि वे मां-बेटी हैं. इसलिए उसने उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था.

ऑटोरिक्शा चालक ने बताया, "जब मेरे दामाद ने मुझे फोन किया और बताया कि लापता बच्ची आश्रमम मैदान के पास पाई गई है, तब मुझे एहसास हुआ कि यह वही लड़की होगी जिसे मैंने वहां छोड़ा था. मैं तुरंत पुलिस के पास गया और इसकी सूचना दी." जैसे ही बच्ची के पाए जाने की खबर उसके परिजनों को मिली, खुशी के मारे उनके आंसू निकल पड़े. उनके रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों और शुभचिंतकों को ताली बजाते और सीटी मारते हुए देखा गया. उन्होंने राहत की सांस ली.

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बताया जा रहा है कि बच्ची अपने भाई के साथ ट्यूशन पढ़ने के लिए जा रही है. उसी वक्त एक महिला सहित चार लोगों ने उसका अपहरण कर लिया. भाई ने अपनी बहन को बचाने की कोशिश की, लेकिन उन लोगों ने उसे धक्का मारकर नीचे गिरा दिया. करीब 21 घंटे के बाद बच्ची को बरामद किया जा सका है. उसकी मां, बड़े भाई और दादा-दादी ने सुरक्षित बरामदगी के लिए प्रार्थना करने के लिए सभी को धन्यवाद दिया है. उन्हें खुशी है कि उनकी बेटी सुरक्षित वापस घर आ गई है.

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केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने इस सुखद सूचना का स्वागत किया है. दोनों ने कहा कि यह एक बड़ी राहत है. विजयन ने कहा कि लापता बच्ची को लेकर उन सभी लोगों में चिंता थी जो चाहते थे कि वो सही सलामत मिल जाए. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख के सुधाकरन ने भी बच्ची की वापसी की खबर का स्वागत किया, लेकिन कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस अपहरणकर्ताओं का पता नहीं लगा सकी.

के सुधाकरन ने यह भी सवाल किया कि अपहरणकर्ता पुलिस से बचते हुए कैसे इधर-उधर घूम रहे थे, जबकि केरल में एआई कैमरे जैसा सिस्टम है. यह राज्य में सुरक्षा व्यवस्था की विफलता की ओर इशारा करता है. दोषियों को तुरंत पकड़ा जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए. इस बीच, राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि डॉक्टरों की एक मेडिकल टीम ने यहां एआर शिविर में बच्ची की जांच की है. उन्हें बच्ची के लिए सभी विशेषज्ञ उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

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