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संसद की सुरक्षा में सेंध: नीलम के परिजनों ने कोर्ट में दाखिल की अर्जी, दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी

13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सभी आरोपियों को दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया है. इस मामले में छठे आरोपी की गिरफ्तारी शनिवार को हुई है. पुलिस उससे पूछताछ करके उसकी भूमिका की जांच कर रही है. दूसरी तरफ इस केस की अहम आरोपी नीलम के परिजनों ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है.

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संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं.
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं.

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाकर पूरे देश में सनसनी फैलाने वाले सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं. इनमें पांच मुख्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो गए थे, जबकि छठा आरोपी महेश कुमावत आज शनिवार को गिरफ्तार हुआ है. कोर्ट ने उसे सात के लिए पुलिस हिरासत में भेजा है. दूसरी तरफ संसद में स्पे अटैक की साजिशकर्ता नीलम के परिजनों ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है. इस अर्जी में पुलिस हिरासत में मौजूद नीलम में मिलने की मांग की गई है. इसके साथ ही एफआईआर की कॉपी भी मांगी गई है. उनकी अर्जी पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर दिया है. 18 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई होगी.

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जानकारी के मुताबिक, संसद परिसर में हंगामा करने की आरोपी नीलम हरियाणा के जींद के घसो कला की रहने वाली है. वो खुद को एक्टिविस्ट मानती है. उसके फेसबुक प्रोफाइल देखने पर भी यही पता चलता है कि वो अलग-अलग विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रही है. कुछ समय पहले तक हिसार के रेड स्क्वायर मार्केट के पीछे स्थित पीजी में रहकर सिविल सर्विस तैयारी कर रही थी. 25 नवंबर को घर जाने की बात कहकर पीजी से चली गई थी. उसके साथ पीजी में रहने वाली लड़कियों का भी कहना था कि उसकी रुचि राजनीति में बहुत ज्यादा रहती है. नीलम के भाई ने बताया कि वो गांववालों के साथ किसान आंदोलन में जाती थी.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम के द्वारा गिरफ्तार छठे आरोपी की पहचान महेश कुमावत के रूप में हुई है. वो इस भी पूरी साजिश का हिस्सा था. राजस्थान के नागौर जिले का रहने वाला महेश 13 दिसंबर को दिल्ली आया था. संसद कांड का मुख्य साजिशकर्ता ललित झा इस घटना के बाद राजस्थान स्थित उसके ठिकाने पर ही पहुंचा था. पुलिस की गिरफ्त में आए चारों आरोपियों के मोबाइल फोन जलाने में महेश ने ललित की मदद की थी. वो नीलम के भी लगातार संपर्क में था. उसकी गिरफ्तारी से पहले ललित ने गुरुवार को नई दिल्ली पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया था. महेश के चचेरे भाई कैलाश से भी पुलिस ने पूछताछ की है.

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एक सीक्रेट डायरी, सोशल मीडिया ग्रुप और 7 किरदार

सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम आजाद, अमोल शिंदे, ललित झा और विक्की...ये वो नाम हैं जिन्होंने संसद को धुआं-धुआं करके रख दिया. संसद की तमाम चाक चौबंद सुरक्षा को हवा में गुब्बारे की तरह उड़ाकर रख दिया. नीचे से लेकर ऊपर तक सभी को हिलाकर रख दिया. अब ये तमाम आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है. इन सभी से पूछताछ चल रही है. बड़ी बात ये है जो नाम संसद कांड में सामने आए हैं, वो सभी अलग अलग राज्यों के हैं. पहला आरोपी सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है. परिवार के मुताबिक बैटरी रिक्शा चलाता है. 12वीं पास है. पिता कारपेंटर हैं. दूसरा आरोपी मनोरंजन पेशे से इंजीनियर है. कर्नाटक के मैसूर का रहने वाला है. फेसबुक पर सागर से दोस्ती हुई थी. 

ललित झा है संसद में हुए इस कांड का 'मास्टरमाइंड'

तीसरी आरोपी नीलम हरियाणा के जींद की रहने वाली है. हिसार में सिविल सर्विसेज़ की तैयारी कर रही थी. उसने 6 डिग्रियां ले रखी हैं. चौथा आरोपी अमोल शिंदे महाराष्ट्र के लातूर का है. उसने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है. पुलिस और सेना की भर्ती के लिए तैयारी कर चुका है. पांचवां आरोपी विक्की गुरुग्राम का रहने वाला है. घटना को अंजाम देने से पहले सागर, मनोरंजन, अमोल, नीलम उसके घर रुके थे. छठा आरोपी ललित झा इस पूरे कांड का 'मास्टरमाइंड' बताया जा रहा है. सातवां आरोपी महेश राजस्थान के नागौर जिले का रहने वाला है. घटना के बाद दोनों एक साथ फरार हुए थे. इसके बाद राजस्थान में छिप गए थे.

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लखनऊ में सागर शर्मा के घर मिली सीक्रेट डायरी

दिल्ली में हुए इस सनसनीखेज कांड की बिखरी कड़ियों के सिरों को पकड़कर लखनऊ तक पहुंची. पुलिस को सागर शर्मा के घर से एक सीक्रेट डायरी मिली. पुलिस को यकीन है कि वो डायरी कई रहस्यों को खोल सकती है और साजिश के उलझे हुए तारों को सुलझा भी सकती है. सागर की डायरी के पन्नों को गौर से देखने पर पुलिस को पता चला कि उसके दिल की गहराई में कैसे कैसे अरमान करवटें ले रहे थे. एक पन्ने पर लिखा था ''घर से विदा लेने का समय नजदीक आ गया है. एक तरफ डर भी है और दूसरी तरफ कुछ भी कर गुजरने की आग भी दहक रही है.' सने जो बात डायरी में बड़ी ही इमानदारी से लिखी वो अपने डर की बात है. 

सीक्रेट डायरी में सागर शर्मा ने लिखा है, "काश मैं अपनी स्थिति माता पिता को समझा सकता. मगर ऐसा नहीं है कि मेरे लिए संघर्ष की राह चुनना आसान रहा. हर पल उम्मीद लगाई है.'' पुलिस के लिए उस डायरी में लिखी इबारत का एक एक हिस्सा साजिश की बिखरी हुई कड़ियों को जोड़ने में मददगार हो सकता है. एक जगह लिखा है, "5 साल मैंने प्रतीक्षा की है कि एक दिन ऐसा आएगा, जब मैं अपने कर्तव्य की ओर बढ़ूंगा. दुनिया में ताकतवर व्यक्ति वह नहीं जो छीनना जानते हैं, ताकतवर व्यक्ति वह है, जो सुख त्यागने की क्षमता रखता है.'' उसकी लिखी बातों से ही उसके हिंसक विचारों का पता चलता है.

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दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट कर रही है जांच

13 नवंबर को संसदा का शीतकालीन सत्र चल रहा था. इसी दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा में कूद गए. उन्होंने वहां पीला धुआं फैला दिया और नारे भी लगाए. इसी दौरान सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया. लगभग उसी समय, दो अन्य लोग अमोल शिंदे और नीलम देवी ने संसद परिसर के बाहर "तानाशाही नहीं चलेगी" चिल्लाते हुए भी पीला धुआं छोड़ा. इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस की पूछताछ पता चला कि आरोपी सरकार को अपनी मांगें पूरी करने के लिए मजबूर करने के लिए देश में "अराजकता पैदा करना चाहते थे". इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट कर रही है.

यह भी पढ़ें: खुफिया इनपुट के बावजूद संसद की सुरक्षा में एजेंसियां फेल, 6 लोगों ने मिलकर रची साजिश

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सीआरपीएफ डीजी की निगरानी में हो रही है जांच

गृहमंत्रालय ने सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है, जिसकी निगरानी में जांच हो रही है. इस कमेटी में कई एक्सपर्ट शामिल हैं. सीआरपीएफ के पास संसद के बाहरी लेयर की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है. सीआरपीएफ जवान संसद परिसर में मौजूद रहते हैं. संसद की सुरक्षा से जुड़ी हर योजना को बनाने में उनकी भूमिका अहम होती है. यही वजह है कि इस कमेटी का प्रमुख सीआरपीएफ के डीजी बनाया गया है. वैसे भी अनीश दयाल लंबे वक्त तक आईबी में तैनात रहे हैं. इस जांच में उनका अनुभव भी काम आ रहा है. दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट इस कमेटी के निर्देशन में ही अपनी जांच कर रही है.

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संसद में हुए हंगामे के बाद होगा सिक्योरिटी रिव्यू

सूत्रों के मुताबिक, ऑल पार्टी फ्लोर लीडर्स की मीटिंग में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इसे बहुत गंभीर मामला बताया है. उन्होंने गृह मंत्रालय के स्पेशल सेक्रेटरी को पत्र भी लिखा है. नई संसद भवन के सिक्योरिटी सिस्टम का नए सिरे से रिव्यू किया जाएगा. बताया जा रहा है कि एंट्री गेट पर अब फुल बॉडी स्कैनर लगाने की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही नई संसद में अलग-अलग गेट से एंट्री की व्यवस्था की जाएगी. हालांकि, पहले भी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद ही थी. संसद भवन में तीन लेयर की सुरक्षा होती है. इसमें संसद परिसर की सुरक्षा सीआरपीएफ के पास रहती है. मुख्य भवन की सुरक्षा का जिम्मा जॉइंट सिक्योरिटी सेक्रेटरी के पास होता है, जो पूरे संसद परिसर की सुरक्षा को देखता है. 

तीन लेयर में है संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था

इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा में अपने डायरेक्टर सिक्योरिटी सिस्टम होते हैं. विजिटर पास के लिए लोकसभा सचिवालय के फॉर्म पर किसी सांसद का रिकमेंडेशन सिग्नेचर जरूरी होता है. इसके साथ ही विजिटर को पास के लिए आधार कार्ड ले लाना होता है. विजिटर जब रिसेप्शन पर पहुंचता है, तो वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड महिला और पुरुष को अलग-अलग फ्रिस्किंग करके जांच करते हैं. इसके बाद रिसेप्शन पर फोटो आईडी कार्ड बनता है. मोबाइल फोन को रिसेप्शन पर ही जमा कर लिया जाता है. इसके बाद विजिटर फोटो आइडेंटिटी कार्ड के साथ सिक्योरिटी कमांडो के जरिए गैलरी तक पहुंचता है. विजिटर गैलरी में ठहरने के लिए एक समयावधि होती है, जिसके बाद उसे बाहर कर दिया जाता है. 

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