दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस से 13 दिसंबर, 2023 को संसद की सुरक्षा में चूक मामले में गिरफ्तार एकमात्र महिला आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और रजनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने नीलम आजाद की उस अर्जी पर अभियोजन पक्ष को नोटिस भी जारी किया, जिसमें उन्होंने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए अपील दायर करने में देरी के लिए माफी मांगी थी.
कोर्ट ने कहा कि अपील दायर करने में 142 दिनों की देरी हुई, जबकि कानून में ऐसा करने के लिए अधिकतम 90 दिनों का समय निर्धारित है. गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत देरी माफ करने योग्य नहीं है. इस अपील पर विचार नहीं किया जा सकता, लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश से अवगत कराया गया, जिसमें कहा गया था कि ऐसी अपीलों को खारिज नहीं किया जा सकता. अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि अपील सुनवाई योग्य नहीं है.
कोर्ट ने कहा, "वो (नीलम आज़ाद) क्या करने की कोशिश कर रही थी? संसद में वो धुआं फेंक रही थी? यह क्या है?" नीलम आज़ाद के वकील ने कहा कि वो संसद में कोई विस्फोटक नहीं ले गई थी. वो बाहर खड़ी थी. कोर्ट ने इस मामले को 16 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. इस मामले में ट्रायल कोर्ट के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को मंगाया. अपील दायर करने में देरी पर वकील ने कहा कि वो एक गरीब परिवार से है. उनके पास दिल्ली आने के लिए पैसे नहीं थे.
इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने नीलम आजाद की जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ आरोपों को प्रथम दृष्टया सत्य मानने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. इसने नोट किया कि सभी आरोपियों नीलम आज़ाद, मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, ललित झा और महेश कुमावत को पहले से ही 13 दिसंबर, 2023 को संसद को निशाना बनाने के लिए नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा दी गई धमकी के बारे में जानकारी थी.
इसने देखा कि धमकी की आशंका के बावजूद आरोपियों ने उस दिन संसद में अपराध को अंजाम दिया. साल 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की वर्षगांठ पर सुरक्षा में बड़ी चूक करते हुए सागर शर्मा और मनोरंजन डी. शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए. कनस्तरों से पीली गैस छोड़ी और नारे लगाए, जिसके बाद कुछ सांसदों ने उन्हें काबू कर लिया. उसी समय दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने संसद परिसर में रंगीन गैस छोड़ा.