भारतीय सेना ने मंगलवार को कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ पर जानलेवा हमले के मामले में दोषी पुलिस अफसरों को दंडित करने के लिए निष्पक्ष और ईमानदार जांच की मांग की है. भारतीय सेना ने यह भी कहा कि वह मामले को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ ने 13-14 मार्च की रात को पटियाला में पार्किंग विवाद को लेकर पंजाब पुलिस के 12 कर्मियों पर उन पर और उनके बेटे पर जानलेवा हमला और मारपीट करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने सोमवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस मामले की जांच सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की मांग की है. चंडीमंदिर स्थित सेना पश्चिमी कमान मुख्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहित वाधवा ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव के साथ एक संयुक्त ब्रीफिंग में कहा, "हम दोषियों को दंडित करने और व्यवस्था में विश्वास बहाल करने के लिए पारदर्शी तरीके से निष्पक्ष जांच की जरूरत पर जोर देते हैं.''
लेफ्टिनेंट जनरल मोहित वाधवा ने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों को समय पर दंडित किया जाना चाहिए, ताकि इस घटना से माहौल खराब न हो. इसके साथ ही नागरिक प्रशासन और पंजाब पुलिस के बीच सेवारत और सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों के साथ लंबे समय से चले आ रहे सौहार्द पर असर न पड़े. उन्होंने कहा, "मैं सभी को आश्वस्त करना चाहूंगा कि भारतीय सेना मामले को उसके तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा."
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस भारतीय सेना के प्रति अपना सर्वोच्च सम्मान दोहराती है. सेना के अधिकारियों की गरिमा को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. सेवारत सैन्य अधिकारी पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा. उन्होंने कहा कि जांच तेजी से पूरी की जाएगी, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके. उन्होंने इस घटना के बाद पंजाब पुलिस द्वारा उठाए गए सभी कदमों के बारे में लोगों को अवगत कराया.
पंजाब पुलिस ने पिछले सप्ताह कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ के बयान के आधार पर एक नई एफआईआर दर्ज की है. निष्पक्ष और त्वरित जांच करने के लिए एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है. सभी 12 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. उनके खिलाफ बड़ी सजा के लिए विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है. कर्नल बाथ ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका में कहा है कि 13-14 मार्च की रात को पटियाला में उन पर और उनके बेटे पर क्रूरतापूर्वक हमला किया गया था.
भारतीय सेना को 15 मार्च की दोपहर को घटना के बारे में सूचित किया गया. तब से इस मुद्दे को राज्य और जिला स्तर पर उचित तत्परता के साथ संबोधित किया गया है. लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि पीड़ित अधिकारी को सिविल अस्पताल से सैन्य अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. उसके बाद चंडीमंदिर स्थित कमांड अस्पताल में उनका इलाज किया गया. फिलहाल वो स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. इस मामले को पंजाब पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष मजबूती से उठाया गया है.
पंजाब पुलिस ने अपने कर्मियों की ओर से की गई हरकत पर खेद जताया है. उन्होंने कहा कि इसमें शामिल पुलिसकर्मियों की पहचान कर ली गई है. उन्हें तत्काल निलंबित करने के साथ ही पटियाला से बाहर स्थानांतरित करने का आदेश दिया है. इसके बाद कर्नल बाथ द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 22 मार्च को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन पटियाला में भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत आरोपी पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
लेफ्टिनेंट जनरल मोहित वाधवा ने कहा कि डीजीपी के नेतृत्व में पंजाब पुलिस ने भारतीय सेना के प्रति अपने गहरे सम्मान को दोहराया है. उन्होंने कहा, "मैं सेवारत अधिकारियों, सम्मानित दिग्गजों और आम जनता को आश्वस्त करता हूं कि पुलिस कर्मियों द्वारा हमला के शिकार अधिकारी कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ को उचित न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. मैं सभी वर्गों से शांत और संयमित रहने का आग्रह करता हूं. हम किसी भी विरोधी तत्वों के इरादों का शिकार न बनें."