पटना में एयरलाइंस कंपनी इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह के कत्ल में ठेकेदारी विवाद सामने आता दिख रहा है. अब SIT इस मामले की जांच ठेकेदारी एंगल से कर रही है.
इस हत्याकांड की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी ने सोमवार को बिहार सरकार के लघु सिंचाई विभाग, जल संसाधन विभाग और लोक स्वास्थ्य और अभियंत्रण विभाग में जाकर पूछताछ की.
अबतक मिली जानकारी के अनुसार रूपेश कुमार सिंह के परिवार जिसमें उसके भाई भी शामिल हैं, इन सभी महकमों में ठेकेदारी का काम किया करते थे.
जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि पिछले दिनों रूपेश कुमार के भाई और बहनोई को तीन करोड़ रुपये का एक ठेका विकास कार्यों के लिए मिला था. आरोप लग रहे हैं कि इन विभाग के अधिकारियों ने यह ठेका रुपेश के परिवार वालों को दिलाया था.
एसआईटी की टीम ने इन विभागों से कुछ कागजात भी ज़ब्त किए हैं. सूत्रों के अनुसार रूपेश अपनी जान पहचान का फायदा उठाते हुए बड़े अधिकारियों के साथ मिलकर अपने परिवारवालों को ठेके दिलाया करता था.
इस हत्याकांड में पुलिस ने अब तक तीन दर्जन लोगों से पूछताछ की है. हालांकि एसआईटी ने अबतक ये नहीं बताया है कि रूपेश की हत्या किस वजह से की गई.
इस मामले में एसआईटी की एक अन्य टीम ने इंडिगो एयरलाइंस की महिला कर्मचारियों के साथ भी पूछताछ की है. पुलिस को शक है कि इस हत्याकांड में शामिल कॉन्ट्रैक्ट किलर के तार बेगूसराय से जुड़े हो सकते हैं. बता दें कि डीजीपी एस के सिंघल ने स्पष्ट किया है कि रूपेश की हत्या कॉन्ट्रैक्ट किलर ने की है. हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस पटना, छपरा और गोपालंगज में छापेमारी कर रही है.
बता दें कि रूपेश सिंह की हत्या 12 जनवरी की शाम को पटना के पुनाइचक इलाके में उनके घर के बाहर की गई थी, जब वह एयरपोर्ट से वापस घर लौटे थे.