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रूपेश सिंह मर्डर केस में पटना पुलिस का खुलासा- रोडरेज में हुई थी हत्या

पटना में इंडिगो एयरलाइन्स के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड का बिहार पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस की माने तो रोडरेज के कारण रूपेश की हत्या हुई थी. नवंबर में पटना स्थित एलजेपी कार्यालय के पास रोडरेज की घटना हुई थी.

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रूपेश सिंह (फाइल फोटो)
रूपेश सिंह (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 12 जनवरी को पटना में हुई थी रूपेश की हत्या
  • पुलिस का दावा- रोडरेज के कारण हुई थी हत्या

पटना में इंडिगो एयरलाइन्स के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड का बिहार पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस की माने तो रोडरेज के कारण रूपेश की हत्या हुई थी. नवंबर में पटना स्थित एलजेपी कार्यालय के पास रोडरेज की घटना हुई थी. इससे नाराज युवकों ने रूपेश की हत्या कर दी. एसआईटी ने एक शख्स को गिरफ्तार भी किया है.

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पटना एसएसपी उपेंद्र शर्मा का कहना है कि इस मामले में ऋतुराज को गिरफ्तार किया गया. उसने जयपुर के सनराइज यूनिवर्सिटी से भूगोल में बीए किया है. 2016 में बिहार वापस आने पर वो मोटरसाइकिल चोरी में शामिल था. हर महीने 4-5 मोटरसाइकिल चोरी करता था और हर 10 दिन में अपनी मोटरसाइकिल बदलते देता था.

पटना एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने कहा कि पटना जिले में युवक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, दूसरे जिलों में अभी छानबीन जारी हैस लेकिन ये हथियार रखने का शौकीन रहा है. हत्या में इस्तेमाल पिस्टल और बाइक बरामद कर लिया गया है. घटना के बाद कुछ दिनों के लिए रांची भाग गया था. इसके बाकी साथियों को पकड़ने की कोशिश जारी है.

वहीं, आरोपी ऋतुराज ने कहा कि रूपेश कुमार सिंह के साथ एक दुर्घटना हुई थी, जिसके बाद उन्होंने (रूपेश सिंह) मुझे 29 नवंबर को बहुत पीटा था. इससे मैं गुस्से में था और मार डाला. मैं लगभग डेढ़ महीने से रूपेश कुमार सिंह को मारने की कोशिश कर रहा था. मैंने रूपेश कुमार सिंह को मार दिया. मैंने रूपेश पर 4 से 5 राउंड फायर किए.

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इससे पहले डीजीपी ने कहा था कि एयरपोर्ट पार्किंग के ठेके को लेकर रुपेश का कुछ लोगों संग विवाद चल रहा था. रूपेश के परिवार के कई लोग ठेके में शामिल थे. पुलिस ने ठेके के एंगल से पूरे मामले की तहकीकात भी की, लेकिन उसके हाथ कुछ नहीं लगा.

गौरतलब है कि 12 जनवरी को पटना में रूपेश सिंह की हत्या कर दी गई थी. वह एयरपोर्ट से घर लौट रहे थे. हमलावरों ने उनपर कई राउंड गोली दागी थी. इस हत्याकांड की जांच के लिए नीतीश सरकार ने स्पेशल टास्क फोर्स (एसआईटी) का गठन किया था. एसआईटी ने कई विभागों में जाकर पूछताछ भी की थी.

 

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